World Post Day 2023: आज मनाया जा रहा है विश्व डाक दिवस, जानें कैसे और कब हुई थी इस दिन की शुरुआत
World Post Day 2023: विश्व डाक दिवस हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस दिवस की शुरुआत 1969 में हुई थी उसी साल पहला विश्व डाक दिवस मनाया गया था.आईए जानते हैं विश्व डाक दिवस को मनाने की शुरुआत क्यों और कैसे हुई.साथ ही भारतीय डाक सेवा का इतिहास और विश्व में भारतीय डाक की भूमिका के बारे में भी जानें.
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विश्व डाक दिवस 9 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है
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अपने देश में आधुनिक डाक व्यवस्था की शुरुआत 18वीं सदी से पहले हुई
World Post Day 2022: विश्व डाक दिवस हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस दिवस की शुरुआत 1969 में हुई थी उसी साल पहला विश्व डाक दिवस मनाया गया था. तभी से हर साल इसे 9 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है.
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विश्व डाक दिवस का इतिहास
वर्ष 1840 के समय में इंग्लैंड में एक प्रणाली की शुरुआत की गई थी. इस प्रणाली के तहत जो भी डाक पत्र होते थें उन पर भुगतान पहले यानी प्रीपेड करना होता था. इस प्रणाली की शुरुआत सर रॉलैंड हिल द्वारा की गई थी. इस प्रणाली में पत्रों के लिए प्रीपेड भुगातने के साथ घरेलु सेवा के लिए एक श्रेणी निश्चित की गई थी, जिसमें समान भार वाले सभी पत्रों के लिए एक समान दर वसूल किया जाता था. इतना ही नहीं सर रॉलैंड हिल ने ही दुनिया की पहली डाक टिकट भी पेश की थी.
विश्व डाक दिवस महत्व
विश्व डाक दिवस के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं. इस दिवस को मुख्य तौर पर लोगों में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. इसके उद्देश्य की बात करें तो इसका मुख्य उद्देश्य देशों के विकास सेवा के आर्थिक और सामाजिक महत्व को आगे बढ़ाना है.
अपने देश में डाक व्यवस्था की शुरुआत
अपने देश में आधुनिक डाक व्यवस्था की शुरुआत 18वीं सदी से पहले हुई. वर्ष 1766 में लॉर्ड क्लाइव द्वारा स्थापित डाक व्यवस्था का विकास वारेन हेस्टिंग्स ने वर्ष 1774 में कोलकाता जीपीओ की स्थापना करके किया. चेन्नई एवं मुंबई के जनरल पोस्ट ऑफिस क्रमश: वर्ष 1786 एवं 1793 में अस्तित्व में आये.
क्या है इस साल की थीम
इस साल संयुक्त राष्ट्र ने एक साथ विश्वास के लिए: एक सुरक्षित और जुड़े हुए भविष्य के लिए सहयोग की थीम रखी है.
हर वर्ष मनाया जाता है वर्ल्ड पोस्ट डे
हर वर्ष विश्व डाक दिवस यानी वर्ल्ड पोस्ट डे 9 अक्तूबर को मनाया जाता है. इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य है ग्राहकों को डाक विभाग के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य को स्थापित करना होता है. इस दिवस को स्विट्जरलैंड के बर्न में वर्ष 1874 में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) की स्थापना की याद में मनाया जाता है. अपना देश भी 1 जुलाई, 1876 में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना था. इस सदस्यता को लेने वाला भारत एशिया का पहला देश है. वहीं 1 अक्तूबर, 1854 में भारत सरकार ने डाक के लिए एक विभाग की स्थापना की थी.
विश्व डाक दिवस से जुड़ी रोचक जानकारियां
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विश्व डाक दिवस मनाने के लिए हर साल एक नई थीम होती है. साल विश्व डाक दिवस 2022 की थीम ‘पोस्ट फॉर प्लैनेट’ है. इस थीम का उद्देश्य बढ़ते क्लाइमेट क्राइसिस से बचने के लिए और पृथ्वी की रक्षा के लिए डाक सेवा की भूमिका तय करना है.
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दुनिया की लगभग 82 फीसदी आबादी को डाक के जरिए होम डिलीवरी की सुविधा मिलती है. 77 प्रतिशत लोग ऑनलाइन भी डाक सेवा का फायदा उठाते हैं.
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दुनिया की पहली आधिकारिक एयरमेल उड़ान भारत से शुरू हुई थी.
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18 फरवरी 1911 को पहला आधिकारिक मेल किया गया था. एक फ्रांसीसी पायलट हेनरी पेक्वेट ने अपने हंबर बाइप्लेन पर एक बोरी भरकर डाक रखे थे. बोरी में लगभग 6 हजार कार्ड और पत्र थे. फ्लाइट की उड़ान भारत से शुरू हुई थी.
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आजाद भारत में पहला आधिकारिक डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी किया गया.
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ए डाक टिकट में ‘जय हिंद’ लिखा था और साथ ही भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को दर्शाया गया.
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जब देश आजाद हुआ, उस समय तक भारत में 23,344 डाकघर थे.
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आज भारत विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क है.