World Post Day 2023: विश्व डाक दिवस पर जानें कहां स्थित है दुनिया का सबसे ऊंचा डाकघर

World Post Day 2023, World's highest post office: भारत में दिवस से अधिक इसे स्प्ताह से के तौर पर मनाया जाता है. आज इस खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं विश्व के सबसे ऊंचे डाकघर के बारे में जो भारत में ही स्थित है.

By Shaurya Punj | October 9, 2023 8:42 AM
an image
  • आज यानी 9 अक्टूबर के दिन विश्व डाक दिवस मनाया जा रहा है

  • हम आपको बताने जा रहे हैं विश्व के सबसे ऊंचे डाकघर के बारे में

  • जानें सबसे पुराना पोस्टल नंबर के बारे में

World Post Day 2023: विश्व डाक दिवस हर साल इसे 9 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है. उसी तरह से भारत में भी राष्ट्रीय स्तर पर डाक दिवस मनाया जाता है. भारत में दिवस से अधिक इसे स्प्ताह से के तौर पर मनाया जाता है. आज इस खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं विश्व के सबसे ऊंचे डाकघर के बारे में जो भारत में ही स्थित है.

Also Read: World Post Day 2023: आज मनाया जा रहा है विश्व डाक दिवस, जानें कैसे और कब हुई थी इस दिन की शुरुआत

कहां स्थित है विश्व का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस? हिमाचल प्रदेश में एक गांव है जिसका नाम है हिक्किम जो लाहौल स्पीति जिले में है. इसी जिले में विश्व का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस स्थित है और इसका 172114 पिन कोड है. हिक्किम में रहने वाले ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं. पूरी दुनिया में सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस किसी भी रूप से एक सामान्य पोस्ट ऑफिस जैसा नहीं दिखता. भारी मात्रा में स्नोफॉल के कारण यह स्थान अक्सर पूरी दुनिया से जुदा ही रहता है.

हिमाचल प्रदेश के रामपुर डाक मंडल के तहत देश का पहला लेट्टर बॉक्स स्वरूप का पोस्ट आफिस बना है. साल 1983 से हिक्किम गांव में विश्व का सबसे उंचा पोस्ट ऑफिस चल रहा था, लेकिन अब इसे नए लुक में तैयार करके शुरू कर दिया गया है. जो अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र है. हिक्क्मि पोस्ट आफिस से पर्यटक देश-दुनिया में अपने करीबियों को पत्र भेजते है. इसके बनने के बाद से अब स्पिति में पर्यटकों की पंसदीदा जगहों में हिक्किम का यह पोस्ट आफिस भी शामिल है.

मुन्नार: सबसे पुराना पोस्टल नंबर

केरल में दक्षिण में, एक छोटे मेटल पोस्टबॉक्स ने अपनी सेवा के 100 से ज्यादा साल पूरे कर लिए हैं. इसे डाक संख्या 9 (पीबी नंबर 9) के रूप में जाना जाता है. यह 1920 के दशक के दौरान स्थापित किया गया था जब देश में स्थानीय चाय बागानों की पर्याप्त वृद्धि के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर हंगामा हो रहा था.

जानें भारत में डाक सेवा के बारे में

1 जुलाई, 1876 को भारत यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना. सदस्यता लेने वाला भारत प्रथम एशियाई देश था. भारत में डाक सेवाओं का इतिहास बहुत पुराना है. भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना 1 अक्तूबर, 1854 को लार्ड डलहौजी के काल में हुई. डाकघरों में बुनियादी डाक सेवाओं के अतिरिक्त बैंकिंग, वित्तीय व बीमा सेवाएं भी उपलब्ध हैं. एक तरफ जहां डाक-विभाग सार्वभौमिक सेवा दायित्व के तहत सब्सिडी आधारित विभिन्न डाक सेवाएं देता है वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी, जनजातीय व दूरस्थ अंडमान व निकोबार द्वीप समूह जैसे क्षेत्रों में भी उसी दर पर डाक सेवाएं उपलब्ध करा रहा है.

राष्ट्रीय डाक सप्ताह

भारतीय डाक विभाग के अनुसार 9 से 14 अक्टूबर के बीच विश्व डाक सप्ताह मनाया जाता है. राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाने का उद्देश्य आम जन को भारतीय डाक विभाग के योगदान से अवगत कराना है. सप्ताह के हर दिन अलग-अलग दिवस मनाये जाते हैं. 10 अक्टूबर को सेविंग बैंक दिवस, 11 अक्टूबर को मेल दिवस, 12 अक्टूबर को डाक टिकट संग्रह दिवस, 13 अक्टूबर को व्यापार दिवस तथा 14 अक्टूबर को बीमा दिवस मनाया जाता है. सेविंग दिवस पर ग्राहकों को डाक बचत योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है. ग्राहकों को बताया जाता है कि कौन सी बचत योजना लाभदायक है. डाक सप्ताह दिवस का उद्देश्य ग्राहकों के बीच डाक विभाग के उत्पाद के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है. डाक दिवस पर बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जाता है.

Also Read: World Post Day 2023 पर जानें राष्ट्रीय डाक टिकट संग्रहालय के बारे में, बिना इंट्री फीस ऐसे करें ट्रैवल

विश्व डाक दिवस का इतिहास

वर्ष 1840 के समय में इंग्लैंड में एक प्रणाली की शुरुआत की गई थी. इस प्रणाली के तहत जो भी डाक पत्र होते थें उन पर भुगतान पहले यानी प्रीपेड करना होता था. इस प्रणाली की शुरुआत सर रॉलैंड हिल द्वारा की गई थी. इस प्रणाली में पत्रों के लिए प्रीपेड भुगातने के साथ घरेलु सेवा के लिए एक श्रेणी निश्चित की गई थी, जिसमें समान भार वाले सभी पत्रों के लिए एक समान दर वसूल किया जाता था. इतना ही नहीं सर रॉलैंड हिल ने ही दुनिया की पहली डाक टिकट भी पेश की थी.

विश्व डाक दिवस महत्व

विश्व डाक दिवस के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं. इस दिवस को मुख्य तौर पर लोगों में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. इसके उद्देश्य की बात करें तो इसका मुख्य उद्देश्य देशों के विकास सेवा के आर्थिक और सामाजिक महत्व को आगे बढ़ाना है.

Exit mobile version