World Press Freedom Day 2023: आज 3 मई को विश्व प्रेस आजादी दिवस मनाया जा रहा है. दुनिया भर के कई देश मीडिया और पत्रकारों पर अत्याचार करते हैं. प्रेस और जर्नलिस्ट अगर सरकार की मर्जी से नहीं चलते हैं. तब उनको प्रताड़ित किया जाता है. मीडिया संगठनों पर कई तरह का दबाव बनाया जाता है. उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की जाती है.
वर्ष 1993 की बात है जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मई को विश्व स्वतंत्रता प्रेस दिवस के रूप में घोषित किया था. यह घोषणा 1991 में यूनेस्को के छब्बीसवें आम सम्मेलन सत्र में की गई एक सिफारिश के बाद आई है. सन् 1991 के विंडहोक घोषणापत्र के परिणामस्वरूप इस दिन की घोषणा हुई थी, विंडहोक घोषणापत्र एक बयान है जो प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में अफ्रीकी पत्रकारों द्वारा प्रस्तुत की गयी थी. इसे यूनेस्को द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में प्रस्तुत किया गया था, जो 3 मई को संपन्न हुआ था.
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प्रेस की आजादी के लिए पहली बार साल 1991 में अफ्रीका के पत्रकारों ने मुहिम छेड़ी थी. इन पत्रकारों ने तीन मई को प्रेस की आजादी के सिद्धांतों को लेकर बयान जारी किया था जिसे डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक के नाम से भी जानते हैं. इसके ठीक दो साल बाद यानी साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला किया था. उस दिन से लेकर आज तक हर साल तीन मई को विश्व प्रेस आजादी दिवस मनाया जाता है.
सन 1997 से हर साल तीन मई यानी विश्व प्रेस आजादी दिवस पर यूनेस्को गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज देता है. ये उस संस्थान या फिर व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने प्रेस की आजादी के लिए कुछ बड़ा काम किया होता है. साथ ही इस दिन स्कूल-कॉलेज में इस पर चर्चा और वाद-विवाद किया जाता है. इसके अलावा इस खास दिन के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए सेमीनार आयोजित किए जाते हैं.