World Pulses Day 2023: विश्व दलहन दिवस का जानें इतिहास, महत्व और थीम

World Pulses Day 2023: दालों के पोषण और पर्यावरणीय लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस मनाया जाता है.

By Bimla Kumari | February 10, 2023 10:53 AM

World Pulses Day 2023: दालों के पोषण और पर्यावरणीय लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस मनाया जाता है. दालों को फलियां भी कहा जाता है, इन्हें वैश्विक खाद्य पदार्थ माना जाता है, और लगभग हर देश में इसका उत्पादन किया जाता है. 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व स्तर पर दालों के बारे में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिए एक दिन दालों को समर्पित किया.

World Pulses Day Theme: सतत भविष्य के लिए दालें

दालें कृषि-खाद्य प्रणालियों और पर्यावरण को कई लाभ प्रदान करती हैं, इस प्रकार, संचालन समिति ने 2023 के लिए विषय के रूप में ‘एक सतत भविष्य के लिए दलहन’ का चयन किया जाता है. इस वर्ष इस इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए मिट्टी की उत्पादकता में सुधार, कृषि प्रणालियों के लचीलेपन को बढ़ाने, पानी की कमी वाले वातावरण में किसानों के लिए बेहतर जीवन प्रदान करने आदि में दालों के योगदान को उजागर किया जा रहा है.

विश्व दलहन दिवस का इतिहास और महत्व

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2013 में दालों के मूल्य को मान्यता दी और वर्ष 2016 को अंतर्राष्ट्रीय दलहन वर्ष (IYP) के रूप में अपनाया. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने दालों के पौष्टिक और पर्यावरणीय लाभों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाई है.

  • दालों के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के समापन के रूप में बुर्किना फासो, पश्चिम अफ्रीका में एक लैंडलॉक देश ने विश्व दलहन दिवस के पालन का प्रस्ताव रखा. 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस के रूप में समर्पित किया.

  • दालें पोषक तत्वों से भरपूर और प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत हैं. वे वसा में कम और फाइबर से भरपूर होते हैं और वे कोलेस्ट्रॉल कम करने और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. दालें मोटापे से निपटने में भी मदद करते हैं और मधुमेह और हृदय की स्थिति सहित गैर-संचारी रोगों के प्रबंधन में सहायता करते हैं.

  • दालें किसानों के लिए एक फसल के रूप में महत्वपूर्ण महत्व रखती हैं क्योंकि वे उन्हें बेच और उपभोग दोनों कर सकते हैं. दालों को उगाना भी आसान होता है और फलने-फूलने के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है. वे किसानों को सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता प्रदान करते हुए सूखे और जलवायु संबंधी आपदाओं को बेहतर ढंग से सहन कर सकते हैं.

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