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World Refugee Day 2023: आज मनाया जा रहा है विश्व शरणार्थी दिवस, जानें इस दिन का इतिहास और महत्व

World Refugee Day 2023: संयुक्त राष्ट्र वर्ष 2000 में विश्व शरणार्थी दिवस के विचार के साथ भी आया, ताकि उनके बारे में जागरूकता आम जनता के बीच और दुनिया भर में फैलाई जा सके. तब से प्रत्येक वर्ष 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है.

By Shaurya Punj | June 20, 2023 7:00 AM

World Refugee Day 2023: हर साल 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन, पूरा देश शरणार्थियों द्वारा दिखाए गए साहस और प्रतिरोध का सम्मान करता है क्योंकि वे कुछ कारणों से अपने देश में अत्याचार और उत्पीड़न से लड़ते हैं. इस लेख में, हम विश्व शरणार्थी दिवस के महत्व और महत्व पर चर्चा करेंगे.

जब शरणार्थी शब्द की बात आती है, तो हमारी आंखों के सामने कई फ्लैशबैक आ जाते हैं. चाहे वह उन शरणार्थियों की हो, जो भारत के विभाजन के दौरान पाकिस्तान से भाग कर आये थे या उन कश्मीरी पंडितों की जिन्हें अपनी जमीन छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, हर घटना दिल को छू लेने वाली है.

विश्व शरणार्थी दिवस की शुरुआत

संयुक्त राष्ट्र ने शरणार्थियों की समस्या को पहचाना और 1967 प्रोटोकॉल एवं 1951 शरणार्थी सम्मेलन जैसे विभिन्न विकल्पों के साथ आया ताकि शरणार्थियों को सुरक्षा प्रदान की जा सके. इस संबंध में, संयुक्त राष्ट्र वर्ष 2000 में विश्व शरणार्थी दिवस के विचार के साथ भी आया, ताकि उनके बारे में जागरूकता आम जनता के बीच और दुनिया भर में फैलाई जा सके. तब से प्रत्येक वर्ष 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है.

विश्व शरणार्थी दिवस का महत्व

विश्व शरणार्थी दिवस को मुख्य रूप से उन सभी लोगों के प्रति संवेदना प्रदान करने के दिन के रूप में मनाया जाता है जो कभी अपनी जन्मभूमि पर खुश थे, लेकिन फिर अपने घर और बाकी सभी चीजों को छोड़कर कहीं और शिफ्ट होने के लिए मजबूर हो गए. दुनिया भर में ऐसी बहुत सी घटनाएं हुई हैं जहाँ ऐसा हुआ. इस दिन को एक वर्ष में एक बार मनाया जाता है, ताकि लोग उन शरणार्थियों को याद कर सकें और उनके द्वारा सहन किए गए दर्द और पीड़ा से जुड़ सकें.

साथ ही, यह ऐसे शरणार्थियों को सम्मानित करने के लिए दिन मनाया जाता है, जिन्हें युद्ध या किसी अन्य संघर्ष की स्थिति में कठिन दिन और रात बिताने के लिए मजबूर किया गया, जिसमें उनकी कोई गलती नहीं थी. यह हमेशा से रहा है, कि राष्ट्रों ने युद्ध किया है लेकिन उनकी आम जनता को भुगतना पड़ा है. दुनिया भर में लाखों शरणार्थी इसके उदाहरणों में शामिल हैं. आज भी, सीरिया से बहुत सारे शरणार्थी आजीविका की तलाश में और फिर से एक नया जीवन शुरू करने की उम्मीद में पास के विभिन्न देशों में चले जाते हैं. इनमें कई लोग ऐसे हैं जिनका अपनी जगह बड़ा नाम होता था, लेकिन अब वे अपने बच्चों को खिलाने के लिए भीख मांगने को मजबूर हैं.

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