विश्वभर में आज गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया जा रहा है. विश्व गौरैया दिवस हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है. विश्व के कई देशों में गौरैया पाई जाती है. यह दिवस लोगों में गौरेया के प्रति जागरुकता बढ़ाने और उसके संरक्षण के लिए मनाया जाता है. बढ़ते प्रदूषण सहित कई कारणों से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है और इनके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस है. यह पासेराडेई परिवार का हिस्सा है. विश्व के विभिन्न देशों में यह पाई जाती है. यह लगभग 15 सेंटीमीटर के होती है मतलब बहुत ही छोटी होती है. शहरों के मुकाबलों गांवों में रहना इसे अधिक सुहाता है. इसका अधिकतम वजन 32 ग्राम तक होता है. यह कीड़े और अनाज खाकर अपना जीवनयापन करती है.
गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस और सामान्य नाम हाउस स्पैरो है. इसकी ऊंचाई 16 सेंटीमीटर और विंगस्पैन 21 सेंटीमीटर होते हैं. गौरैया का वजन 25 से 40 ग्राम होता है. गौरैया अनाज और कीड़े खाकर जीवनयापन करती है. शहरों की तुलना में गांवों में रहना इसे ज्यादा पसंद है.
इस वर्ष विश्व गौरैया दिवस 2022 की थीम ‘आई लव स्पैरो’ (I Love Sparrow) है. विश्व गौरैया दिवस मनाने का एक उद्देशय यह भी है कि हमारे युवाओं प्रकृति के प्रति उत्साही, लोगों को गौरैया से प्रेम करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
विश्व गौरैया दिवस को मनाने की शुरुआत भारत के नासिक में रहने वाले मोहम्मद दिलावर के प्रयत्नों से हुई.दिलावर द्वारा गौरैया संरक्षण के लिए नेचर फॉर सोसाइटी नामक एक संस्था शुरू की गई थी.पहली बार विश्व गौरैया दिवस 2010 में मनाया गया था.प्रतिवर्ष पिछले दस सालों से 20 मार्च अर्थात गौरैया दिवस पर उन लोगों को गौरैया पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है जो पर्यावरण एवं गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं.