World Suicide Prevention Day 2022: आज है विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस, इस प्रवृत्ति पर ऐसे लगाएं रोक
World Suicide Prevention Day 2022: हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है. इस दिन की शुरुआत इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने 2003 में की थी.यह दिन वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ (WMFH) एंड वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) द्वारा प्रायोजित किया जाता है.
World Suicide Prevention Day 2022: प्रति वर्ष 10 सितंबर को इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) का आयोजन करती है. बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO)भी इसमें भागीदार है. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) मनाने के पीछे का उद्देश्य विश्व में तेजी से बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है.
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का इतिहास
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुआत इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने 2003 में की थी.यह दिन वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ (WMFH) एंड वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) द्वारा प्रायोजित किया जाता है.इस दिन को मनाने का उद्देश्य आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के व्यवहार पर शोध करना, जागरुकता फैलाना और डेटा एकत्र करना होता हैं.ये संगठन आत्महत्या को कैसे रोका जाए और इस बारे में कैसे जागरूकता बढ़ाई जाए, इस बारे में दुनियाभर में कई कार्यक्रम करते हैं.
इस दिन का महत्व
आत्महत्या से बचने और किसी भी कीमत पर इसे रोकने के लिए लोगों में जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल यह दिन मनाया जाता है. वॉलंटियर्स को पीड़ितों के साथ आत्महत्या को रोकने के तरीकों पर चर्चा करनी चाहिए, ताकि उनके मन में जीवन के प्रति जो निराशा हो वो कम हो.
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2022 की थीम
इस वर्ष यानी वर्ष 2022 के लिए विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम ‘Creating hope through action’ यानी “लोगों में अपने काम के जरिए उम्मीद पैदा करना” निर्धारित की गयी है. इस दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम इसी थीम पर आधारित होंगे.
आत्महत्या करने वालों के लक्षण
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नकारात्मक विचार
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बार बार मरने का ख्याल
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अकेला रहना
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नींद व भोजन में कमी
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निराश एवं दुखी रहना
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खुद की परवाह न करना
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जिंदगी को अच्छा न बताना
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दोस्तों से आत्महत्या के बारे में चर्चा करना
कैसे करें बचाव
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संगीत सुनें, योगा-मेडिटेशन करें.
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मरीज को अकेला न छोड़ें ,उससे बातें करें.
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नशा , ड्रग्स, मादक पदार्थो को को ना कहें.
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तनाव प्रबंधन का तरीका सीखें
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संतुलित भोजन एवं अच्छी नींद लें.
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दोस्तों व परिवार को ज्यादा समय दें.
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खुश रहें, दवा एवं काउंसलिंग का सहारा लें