World Suicide Prevention Day 2022: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आज, आप ऐसे बचा सकते हैं किसी का जीवन
World Suicide Prevention Day 2022: आज विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस है. सुसाइड या आत्महत्या का ख्याल किसी व्यक्ति में अचानक नहीं आता है. जब व्यक्ति बहुत परेशान होता है या बहुत निऱाश रहता है, तो उसके आसपास मौजूद लोगों की जिम्मेदारी होती है, वो उसको इमोशनल, मेंटल या फिजिकल जैसी जरूरत हो, सपोर्ट करें.
World Suicide Prevention Day 2022: हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day 2022) मनाया जाता है. इसे लोगों में मानसिक स्वास्थ के प्रति जागरुकता फैलाने और आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए मनाया जाता है.
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम
इस बार विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day 2022) की थीम ‘Creating hope Through Action’ यानी लोगो के बीच अपने काम के जरिए उम्मीद पैदा करने का है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस थीम के जरिए हम आत्महत्या का विचार रखने वाले लोगों को ये संदेश देना चाहता है कि उन्हें उम्मीद नहीं छोड़नी है. हम छोटी-बड़ी जैसी भी संभव हो, मदद के जरिए ऐसे व्यक्ति के जीवन में थोड़ी उम्मीद भर सकें.
सुसाइड या आत्महत्या का ख्याल किसी व्यक्ति में अचानक नहीं आता है. जब व्यक्ति बहुत परेशान होता है या बहुत निऱाश रहता है, तो उसके आसपास मौजूद लोगों की जिम्मेदारी होती है, वो उसको इमोशनल, मेंटल या फिजिकल जैसी जरूरत हो, सपोर्ट करें, ताकि व्यक्ति खुद को अकेला न महसूस करे. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि
ऐसे रोकें आत्महत्या की प्रवृत्ति को
आप भी बचा सकते हैं किसी का जीवन
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अगर आप अपने आसपास अवसाद या अकेलेपन से घिरे किसी व्यक्ति को जानती हैं, तो जरूरी है कि आप उनसे संवाद स्थापित करें.
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ऐसे लोगों से बात करें, उनके साथ वक़्त बिताएं और अगर वो आपसे बात नहीं करना चाहते हैं तो बस उनके साथ रहें और कभी भी अकेला न छोड़ें.
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लोगों को बताएं कि परेशानियां जीवन पर्यन्त नहीं रहती हैं और उनका हल है.अंत में उन्हें समझने और सुनने की कोशिश करें.
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यह उम्मीद जगाने के साथ-साथ एक्शन लेने का समय है.आप किसी हेल्प लाइन से संपर्क करें और पीड़ित व्यक्ति को सुरक्षात्मक वातावरण देने की कोशिश करें.
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मदद मांगना बुरा नहीं है.चाहें यह आपके या आपके किसी अपने के लिए जरूरी हो.जरूरत पड़ने पर आप किसी काउंसलर या साइकोलॉजिस्ट से भी इस बारे में बात कर सकती हैं.