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World Toilet Day 2022: आज है वर्ल्ड टॉयलेट डे, जानें इस दिन को मनाने का उद्देश्य

World Toilet Day 2022: स्वच्छता में सुधार के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए लोगों को सूचित करने, संलग्न करने और प्रेरित करने के लिए वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया जाता है और इसका उद्देश्य “सभी के लिए पानी और स्वच्छता की उपलब्धता और स्थायी प्रबंधन सुनिश्चित करना है.

By Shaurya Punj | November 19, 2022 8:06 AM

World Toilet Day 2022: विश्व शौचालय दिवस दुनियाभर में हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है. इस दिवस को विश्व में स्वच्छता के लिए किए जा रहे प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता. स्वच्छता में सुधार के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए लोगों को सूचित करने, संलग्न करने और प्रेरित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है और इसका उद्देश्य “सभी के लिए पानी और स्वच्छता की उपलब्धता और स्थायी प्रबंधन सुनिश्चित करना है.

ऐसे हुई वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाने की शुरुआत

इस दिन को मनाने की शुरुआत विश्व शौचालय संगठन द्वारा साल 2001 में की गई थी.संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा साल 2013 में इसे अधिकारिक तौर पर विश्व शौचालय दिवस घोषित किया गया.

वर्ल्ड टॉयलेट डे 2022 का महत्व

विश्व शौचालय दिवस का उद्देश्य आदर्श स्वच्छता की आदतों (ideal sanitary practices) के बारे में जागरूकता पैदा करना और जागरूकता फैलाना है, जो महिलाओं की हेल्थ और सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं. इस दिन का उपयोग लोगों को खुले में शौच करने से रोकने के लिए भी किया जाता है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए खतरा है, साथ ही महिलाओं और लड़कियों को हमलों के प्रति भी संवेदनशील बनाता है.

खुले में शौच के नुकसान

खुले में शौच से न केवल केवल भू-जल प्रदूषित होता है, बल्कि कृषि उत्पाद भी इस प्रदूषण से अछूते नहीं रहते.इससे डायरिया, हैजा, टाइफाइड जैसी घातक बीमारियां फैलती हैं.यही नहीं इससे पर्यावरण भी दूषित होता है.

सर्वजन के लिए बेहतर साफ-सफाई का लक्ष्य

यूनीसेफ के स्वच्छता व साफ-सफाई कार्यक्रम विभाग में टीम प्रमुख ऐन थॉमस ने पत्रकारों को बताया, “एसडीजी 6.2, खुले में शौच का अन्त करने और सुरक्षित साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता तक पहुँच प्रदान करने के लिए समर्पित है.

उन्होंने कहा कि फ़िलहाल यह लक्ष्य टिकाऊ विकास एजेंडा में सबसे दूर है और बेहद कम मात्रा में इसे निवेश प्राप्त है.

वर्ष 2020 में, तीन अरब 60 करोड़ लोगों के पास सुरक्षित रूप से प्रबंधित साफ़-सफ़ाई सेवाएँ उपलब्ध नहीं थीं.

यूनीसेफ अधिकारी ऐन थॉमस ने मौजूदा स्थिति को “ साफ-सफाई का संकट” करार दिया, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए.

यूनीसेफ की योजना वर्ष 2030 तक साफ-सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लक्ष्य की ओर तेज़ी से क़दम बढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन करने की है, जिसमें वक्ता जल, स्वच्छता और साफ-सफाई से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

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