World Toilet Day 2022: विश्व टॉयलेट डे पर जानें कैसे बनाएं बाथरूम को हाइजीनिक, यहां देंखें टिप्स

World Toilet Day 2022: आज वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया जा रहा है. शौचालय यानी टॉयलेट हाइजीन के बारे में जानना बेहद जरूरी है. इस विश्व शौचालय दिवस पर हम आपको आज बताने जा रहे हैं कि बाथरूम का साफ-सुथरा और जर्म फ्री कैसें करें

By Shaurya Punj | November 19, 2022 8:07 AM
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World Toilet Day 2022:  आज विश्व शौचालय दिवस मनाया जा रहा है. इसके तहत दुनिया भर के कई देशों में शौचालय से जुड़ी साफ सफाई को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान भी किए जाएंगे. शौचालय यानी टॉयलेट हाइजीन के बारे में जानना बेहद जरूरी है. इस विश्व शौचालय दिवस पर हम आपको आज बताने जा रहे हैं कि  बाथरूम का साफ-सुथरा और जर्म फ्री कैसें करें

टॉयलेट ब्रश का इस्तेमाल जरूरी

बाथरूम व टॉयलेट में कीटाणु फैलने की संभावना बहुत अधिक होती है, अत: इनकी नियमित सफाई जरूरी है. टॉयलेट बाउल को डिसइंफेक्टेड क्लीनर से साफ़ करें. टॉयलेट ब्रश को इस्तेमाल करने के बाद अच्छी तरह से धोकर किसी साफ़ और सूखे स्थान पर रखें.

सफाई के बाद ब्रश करें चेक

टॉयलेट को साफ करने के बाद ब्रश को अच्छे से चेक कर लें. अगर ब्रश पर गन्दगी लगी रह गई है तो उसे तेज धार पानी के नीचे रख कर साफ़ कर दें. ब्रश को स्टरलाइज करने के लिए इसे रातभर के लिए ब्लीच में या फिर किसी कीटाणुनाशक लिक्विड में डुबो कर रख दें ताकि कोई भी बैक्टीरिया ग्रो नहीं कर पाए.

शॉवर को भी करें साफ

बाथरूम शॉवर, सिंक इत्यादि को भी इस्तेमाल करने के बाद धो दें. शॉवर के अंदर भी जर्म्स पनपने के चांसेस होते हैं. अत: यदि आप उसका इस्तेमाल नहीं कर रही हैं, तो भी समय-समय पर उसे थोड़ी देर के लिए चलाती रहें.

टूथब्रश का ऐसे करें इस्तेमाल

टूथब्रश को इस्तेमाल करने के बाद अच्छी तरह धो कर सूखे स्थान पर रखें. इसे हर तीन महीने में बदलती रहें.

गीले तौलिए पर भी बैक्टीरिया पनपने की संभावना

गीले तौलिए में भी बैक्टीरिया पनपने की संभावना होती है. अत: टॉवल को हर दूसरे दिन धोएं. बीमार व्यक्ति के लिए अलग से टॉवल रखें. अपना टॉवल किसी के साथ शेयर न करें और एक बार इस्तेमाल के बाद अच्छी तरह से सूखने के बाद ही दुबारा इसका इस्तेमाल करें.

टॉक्सिक केमिकल्स का करें बचकर इस्तेमाल

बाथरूम आपके घर का सबसे छोटा कमरा है, फिर भी यही वह जगह है, जहां सबसे ज्यादा टॉक्सिक केमिकल्स और जर्म्स होते हैं. दीवारों से पानी का रिसाव (लीकेज) और सिलिंग पर जमी मिट्टी घातक माइक्रो ऑर्गेनिज्म हैं. ये बैक्टीरिया व वायरस को पनपने में मदद करते हैं. इससे निकलने वाले केमिकल्स से अस्थमा व एलर्जी हो सकती है.

अच्छे से करें फ्लश

पॉटी करने के बाद टॉयलेट को अच्छे से दो बार फ्लश करें. जब तक गन्दगी चली न जाए फ्लश बटन दबाए रहें. इसके तुरंत बाद ढक्कन बंद कर दें क्योंकि फ्लश के बाद बैक्टीरिया का प्रकोप काफी ज्यादा होता है. हाथ अच्छे से साफ़ कर तुरंत टॉयलेट से बाहर निकल जाएं.

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