World Wetland Day 2023: 2 फरवरी यानी आज के दिन पूरी दुनिया में ‘विश्व आर्द्रभूमि दिवस’ यानी ‘वर्ल्ड वेटलैंड डे’ मनाया जाता है. विश्व में ‘वर्ल्ड वेटलैंड डे’ का आयोजन लोगों में पृथ्वी के लिए वेटलैंड की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है.
वेटलैंड यानी आर्द्रभूमि जहां वर्षभर आंशिक या पुर्णरूप से जल भरा रहता है. यह भूमि मनुष्य के जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. 1971 में इसी दिन ईरान के रामसर में वेटलैंड कन्वेंशन को अपनाया गया था इसलिए हर वर्ष 2 फरवरी को वेटलैंड डे मनाया जाता है.
नदियों, झीलों, तालाबों आदि की खराब होती स्थिति को देखते हुए 2 फरवरी 1971 में ईरान के रामसर में वेटलैंड कन्वेंशन को अपनाया गया था. आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिए रामसर कन्वेंशन किया गया था. वहीं 1975 में इस कन्वेंशन को लागू किया गया था. पहली बार वर्ल्ड वेटलैंड डे 2 फरवरी 1997 में मनाया गया था. जबकि भारत ने 1 फरवरी 1982 में संधि पर हस्ताक्षर किए थे.
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तटीय वेटलैंड्स: मैंग्रोव्स, एस्टुरीज, खारे पानी की दलदली भूमि, लैगून आदि.
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अंतर्देशीय आर्द्रभूमि: दलदली भूमि, झीलों, जलयुक्त दलदली वन भूमि, नदियों, बाढ़ और तालाब.
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मानव निर्मित वेटलैंड्स : मछली के तालाब, नमक और चावल के धान.
आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे जैव विविधता हॉटस्पॉट हैं, जो कई जलीय वनस्पतियों और जीवों के लिए आवास हैं. यह प्रवासी प्रजातियों सहित पक्षियों की कई प्रजातियों का भी घर है.
आर्द्रभूमि के नष्ट होने से आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़े लाखों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान होगा. इसलिए, इस दिन को देखने से लोग आर्द्रभूमि के महत्व को समझेंगे.