Year Ender 2020 : साल 2020 बस हमें अलविदा कहने ही वाला है और 2021 नयी उम्मीदों और आशाओं के साथ हमें लुभा रहा है. यह एक ऐसा वक्त है जब ठहरकर सोचा जा सकता है कि इस साल क्या खास रहा. ऐसे में अगर हम राजनीति में महिलाओं की उपस्थिति पर बात करें तो हमें ऐसा महसूस होगा कि पूरे साल देश में किसी ना किसी महिला नेत्री का बयान चर्चा में रहा. उन बयानों की चर्चा के बिना राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा पूरी नहीं होती है. तो आइए बात करते हैं उन महिला राजनेताओं की जो पूरे साल खबर की सुर्खियों में रहीं-
ममता बनर्जी : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरे साल केंद्र के साथ विवादों के कारण चर्चा में रहीं. कोरोना काल में भी उन्होंने केंद्रीय टीम को बंगाल के अस्पतालों में प्रवेश की इजाजत ना देकर चर्चा के केंद्र में रहीं. प्रधानमंत्री मोदी पर वे लगातार हमले करती हैं और हाल में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद उन्होंने जिस तरह बयान दिये वह भी अखबार की सुर्खियों में रहा.
निर्मला सीतारमण : केंद्र सरकार में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना काल में सरकार द्वारा दिये गये हर राहत पैकेज की घोषणा की और खबरों के केंद्र में रहीं. प्रवासी मजदूरों और गरीबों के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था भी उन्होंने की और इससे संबंधित घोषणाएं भी.
हरसिमरत कौर बादल : मोदी कैबिनेट में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रह चुकी अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल इस साल चर्चा में तब आयीं थीं जब उन्होंने कृषि बिल के विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हरसिमरत ने सितंबर महीने में यह कहते हुए इस्तीफा दिया कि यह बिल किसान विरोधी है और वे अपने किसान भाइयों के साथ खड़ी होकर गर्व महसूस कर रही हैं.
जया बच्चन : सपा नेता और राज्यसभा सांसद जया बच्चन अक्सर अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहती हैं. इस वर्ष सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच जब आगे बढ़ी तो उसमें ड्रग्स कनेक्शन सामने आया और इसपर खूब विवाद हुआ. भाजपा सांसद रवि किशन पर हमला बोलते हुए जया बच्चन ने यह कहा था कि कुछ लोगों के कारण पूरी इंडस्ट्री को बुरा नहीं बोला जा सकता. यहां कुछ लोग ऐसे हैं जो जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं. जया बच्चन का यह बयान काफी चर्चित रहा था और उनपर खूब हमले भी हुए थे. अभिनेत्री कंगना रनौत ने जया बच्चन पर जमकर हमला बोला था.
रेणु देवी : बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी का नाम भी इस वर्ष राजनीति में खूब चर्चा में रहा. वे बेतिया से विधायक हैं और इस वर्ष अचानक जब नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा हुई तो उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी. वे बेतिया से चार बार विधायक रह चुकी है.
लुईस मरांडी : झारखंड भाजपा की दिग्गज महिला नेता लुईस मरांडी भले ही इस साल दुमका विधानसभा सीट का उपचुनाव हार गयी हों, लेकिन पार्टी में उनका कद घटा नहीं है. प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने के लिए उन्होंने काफी काम किया है. वर्ष 2014 में उन्होंने हेमंत सोरेन को हराकर काफी ख्याति बटोरी थी.
Also Read: India Sex Ratio 2020 : देश में महिलाओं की संख्या बढ़ी, लेकिन पांच साल तक की बच्चियों की संख्या अभी भी कमनुसरत जहां : टीएमसी सांसद नुसरत जहां भी मीडिया की सुर्खियों में रहती हैं. कभी अपने बयान को लेकर, कभी अपने लुक और कभी पति के साथ संबंधों को लेकर. हाल ही में जब नुसरत जहां ने लव जिहाद पर टिप्पणी की और कहा कि शादी किसी का भी निजी मसला है इसे धर्म से जोड़कर देखने की जरूरत नहीं तो उनकी खूब चर्चा हुई थी.
महुआ मोइत्रा : कांग्रेस के साथ राजनीति की शुरूआत करने वाली महुआ मोइत्रा ने जब संसद में अपना पहला भाषण दिया था तो वह काफी चर्चित रहा था. वर्तमान में वह टीएमसी सांसद हैं. उन्होंने पीएम मोदी को फासीवादी ताकतों को बढ़ाने वाला बताया था. हाल ही उनका मीडिया को दो कौड़ी का बताने वाला बयान भी खूब चर्चा में रहा था.
Posted By : Rajneesh Anand