आधा घंटा हाथ-पैर में धूप लगना बेहद जरूरी,पढें हड्डियों को और कैसे रख सकते हैं मजबूत

भारत में विटामिन डी के स्रोत की कमी नहीं है, पर हमारी जीवनशैली और एसी में बंद दरवाजे के अंदर रहने की आदत के कारण 70 प्रतिशत से अधिक लोगों में इसकी कमी पायी जाती है. त्वचा के रंग पर भी यह निर्भर करता है कि हमें कितनी देर धूप में रहना चाहिए. शोध के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2017 12:14 PM
भारत में विटामिन डी के स्रोत की कमी नहीं है, पर हमारी जीवनशैली और एसी में बंद दरवाजे के अंदर रहने की आदत के कारण 70 प्रतिशत से अधिक लोगों में इसकी कमी पायी जाती है. त्वचा के रंग पर भी यह निर्भर करता है कि हमें कितनी देर धूप में रहना चाहिए. शोध के अनुसार भारतीयों के रंग के अनुसार करीब 800IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी की मात्रा उन्हें लेनी चाहिए. इसके लिए आधा घंटा हाथ-पैर में धूप लगना बेहद जरूरी है.
हेल्दी डायट भी हड्डियों के लिए जरूरी
मजबूत हड्डियां यानी मजबूत शरीर. अच्छे स्वास्थ्य के लिए अहम है हड्डियों का मजबूत होना. मजबूत हड्डियों के लिए जरूरी है पोषक तत्वों से भरपूर आहार का लेना. कुछ पोषक तत्व जैसे कैल्शियम एवं विटामिन डी हमारे बोन हेल्थ को सीधे तरीके से प्रभावित करते हैं. एक सामान्य मनुष्य को प्रतिदिन करीब 600 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है. महिलाओं में गर्भावस्था एवं बच्चों को स्तनपान कराने के दौरान कैल्शियम की जरूरत बढ़ कर 1200 एमजी हो जाती है. जब बच्चा मां के गर्भ में रहता है, तो उसकी हड्डी का घनत्व उसके मां द्वारा लिये गये कैल्शियम एवं विटामिन डी की मात्रा पर निर्भर करता है. कैल्शियम के स्तर को शरीर में बनाये रखने और इसके अवशोषण के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है. अगर विटामिन डी का स्तर शरीर में कम हो जाये, तो बोन में कैल्शियम की मात्रा भी कम होने लगती है. आहार में कैल्शियम की भरपूर मात्रा लेकर ही हम इसकी कमी को दूर कर सकते हैं. हमारे आसपास के कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनमे कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है.
दूध एवं दूध उत्पाद : दूध कैल्शियम का बहुत ही अच्छा स्रोत है. दूध में कैल्शियम के अलावा फॉस्फोरस, विटामिन डी, मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पायी जाती हैं. यह स्वस्थ हड्डियों के लिए जरूरी है. दूध और इससे बने उत्पाद को नियमित रूप से शामिल कर कैल्शियम की कमी दूर की जा सकती है. नियमित रूप से दही लेना फायदेमंद होता है. यह कैल्शियम का एक बेहतर स्रोत होने के साथ प्रोबियोटिक है, जो शरीर मे अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है. इसके सेवन से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.
सूखे मेवे और तिल : सूखे मेवे जैसे मूंगफली, सूखा नारियल, काजू, बादाम आदि कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं. इनमें फॉस्फोरस की अच्छी मात्रा होती है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद है. तिल कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है. गुड़ में बना तिल का लड्डू हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है. तिल लड्डू, बादाम चिक्की आदि बच्चों के लिए हेल्दी स्नैक्स के अच्छे ऑप्शन हैं.

प्रोटीनयुक्त आहार : हमारे शरीर के समुचित विकास एवं हड्डियों की मजबूती के लिए प्रोटीनयुक्त आहार जरूरी है. सभी तरह की दालें जैसे मूंग, राजमा, चना, अंडा, मछली आदि में प्रोटीन के साथ ही कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में पायी जाती है, जो हमारे बोन्स के लिए लाभकारी है.
सोया प्रोडक्ट : सोया में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है. इसमें फाइबर, आयरन, प्रोटीन और कार्बोहायड्रेट भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसमें एस्ट्रोजेन होता है, जो बोन डेनसिटी के लिए जरूरी है. सोयाबीन से बने कई प्रोडक्ट्स हैं जैसे सोया मिल्क, सोया आटा, सोया पनीर, सोया बड़ी आदि, जिन लोगों को दूध से एलर्जी है, उनके लिए ये विकल्प अच्छे हैं.
मछली है फायदेमंद : कुछ मछलियां जैसे शार्दन, हिलसा, साल्मन कैल्शियम के साथ ही विटामिन डी, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, प्रोटीन, ओमेगा-3 के भी अच्छे स्रोत हैं.
हरि पत्तेदार सब्जियां : सरसों का साग, मेथी का साग, ब्रोकली, गंधारी का साग, फूलगोभी पत्ता, सहजन का पत्ता, अरुई का पत्ता, पोइ साग पालक, इत्यादि कैल्शियम के बहुत अच्छे स्रोत हैं.
हेल्थी ब्रेकफास्ट है जरूरी : रागी पनीर चीला, मूंग दाल चीला, रागी बेसन चीला, पनीर पराठा, मूंग डोसा, केला, सेब, दलिया, उपमा, ओट मील बटरमिल्क के साथ, चूड़ा-दही गुड़ के साथ.
भारतीयों में प्रतिदिन कैल्शियम की जरूरत :
वयस्क पुरुष-600 एमजी
वयस्क महिला-600 एमजी
गर्भवती महिला-1200 एमजी
दूध पिलानेवाली मां-1200 एमजी
नवजात (0-1 वर्ष)-500 एमजी
बच्चे (1-9 वर्ष)-600 एमजी
किशोर (10-17 वर्ष)- 800 एमजी
(श्रोत : ICMR)
प्रस्तुति : सौरभ चौबे
रूपाली कुमारी
चीफ डायटीशियन
जगदीश मेमोरियल हॉस्पिटल, पटना

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