स्पाइनल इंज्यूरी के इलाज में बेस्ट है आइएसआइसी

भाग-दौड़ भरी जिंदगी और खराब जीवनशैली का सबसे ज्यादा खराब प्रभाव शरीर की हड्डियों पर पड़ता है. स्पाइनल कोर्ड की बात की जाये या कमर की या फिर कंधे और कुल्हे की. अतिरिक्त दबाव, एक जगह कुर्सी पर बैठे-बैठे काम करने के कारण होनेवाली जकड़न और किसी दुर्घटना के कारण लगी चोट. इन सभी स्थितियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2017 1:34 PM
भाग-दौड़ भरी जिंदगी और खराब जीवनशैली का सबसे ज्यादा खराब प्रभाव शरीर की हड्डियों पर पड़ता है. स्पाइनल कोर्ड की बात की जाये या कमर की या फिर कंधे और कुल्हे की. अतिरिक्त दबाव, एक जगह कुर्सी पर बैठे-बैठे काम करने के कारण होनेवाली जकड़न और किसी दुर्घटना के कारण लगी चोट. इन सभी स्थितियों में शरीर के अन्य भाग बाद में प्रभावित होते हैं, पर हड्डियां सबसे पहले प्रभावित होती है.

इनका दर्द भी शरीर के अन्य अंगों से ज्यादा असहनीय होता है. सही डॉक्टर से इलाज न करवाया जाये, तो दर्द जिंदगी भर परेशान करता है. दिल्ली के वसंतकुंज स्थित इंडियन स्पाइनल इंजूरीज सेंटर ऐसे सभी रोगों के इलाज का एक्सपर्ट माना जाता है. करीब 12 एकड़ के कैंपस में बनाया गया यह हॉस्पिटल हरियाली से भरा है, जो मरीज को शांति की अनुभूति कराता है. हालांकि, इस अस्पताल में बेडों की क्षमता 145 ही है, पर यहां फीजियोथेरेपी और रिहैबिलिटी सेंटर काफी उन्नत है, जिससे मरीज सर्जरी के बाद जल्दी रिकवर करते हैं.

रिहैबिलिटी सेंटर से दर्द को हील करने में मिलती है मदद : यहां का रिहैबिलिटी सेंटर काफी एडवांस्ड है. सर्जरी के बाद मरीजों का रिहैबिलिटी सेंटर नियमित ट्रीटमेंट किया जाता है, जिससे न्यूरोलॉजिकल स्ट्रोक, पैरालाइसिस, स्पॉन्डिलाइटिस, ऑर्थराइटिस, पीठ दर्द में जल्द राहत मिलती है. इसके लिए अनुभवी स्टॉफ नियमित रूप से मरीजों के ट्रेनिंग सेशन में मौजूद रहते हैं और उन्हें चलने-फिरने, उठने-बैठने, पैरों और हाथों के सही मूवमेंट आदि की प्रैक्टिस कराते हैं. इसके अलावा यहां जिन रोगों का इलाज होता है, उनमें ज्वाइंट पेन और डिजीज, ट्रॉमा, रिप्लेसमेंट, पेड्रियाटिक, स्पाइनल कोर्ड, कैंसर और शरीर के ऊपरी भागों की परेशानियों में इलाज किया जाता है. यहां तक कि यहां मरीजों के आवासन और भोजन की भी उचित सुविधा है. यहां का रिहैबिलिटेशन सेंटर की टीम थेरेपिस्टों की संख्या के मामले में सबसे बड़ी मानी जाती है. यहां फीजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी और वोकेशनल थेरेपी दी जाती है, जिससे मरीजो को नये जीवन की अनुभूति होती है और वे फिर से अपना खोया विश्वास पाकर जीने की कोशिश करते हैं.
रिसर्च फैसिलिटी में विस्तार की प्लानिंग : इंडियन स्पाइनल इंजूरीज सेंटर की प्लानिंग अब हॉस्पिटल में मरीजों के लिए सुविधाओं को बढ़ाने की है. साथ ही रिसर्च वर्क पर भी हॉस्पिटल प्रशासन योजना बना रही है. हॉस्पिटल प्रशासन जर्मनी के साथ मिल कर बॉयोमेकेनिकल लैब बनाने की योजना पर काम कर रहा है, ताकि भविष्य में जानवरों पर शोध कर इनसानों के लिए विभिन्न हड्डी रोगों का इलाज ढ़ूढ सके. आगे की योजनाओं में हॉस्पिटल को सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने की है, जिसमें स्पाइनल सर्जरी, ऑर्थोपैडिक्स, रूमेटॉलजी, न्यूरोसाइंस, रिहैबिलिटेशन, यूरोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी की व्यवस्था शामिल रहेगी.

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