एक्वेरियम की सही देखभाल है जरूरी
इन दिनों मार्केट में कई तरह के आकार, स्टाइल और डिजाइन में एक्वेरियम मिलने लगे हैं. आप चाहे तो इन्हें अपने मनपसंद आकार में भी बना या बनवा सकती हैं. जानिए एक्वेरियम से जुड़ी कुछ खास बातें. बेहतर है बड़ा आकार : एक्वेरियम जितना बड़ा होगा, आपके लिए उसका रखरखाव उतना ही आसान होगा. बड़े […]
इन दिनों मार्केट में कई तरह के आकार, स्टाइल और डिजाइन में एक्वेरियम मिलने लगे हैं. आप चाहे तो इन्हें अपने मनपसंद आकार में भी बना या बनवा सकती हैं. जानिए एक्वेरियम से जुड़ी कुछ खास बातें.
बेहतर है बड़ा आकार : एक्वेरियम जितना बड़ा होगा, आपके लिए उसका रखरखाव उतना ही आसान होगा. बड़े एक्वेरियम में मछलियों को चहलकदमी करने का पूरा स्पेस मिलता है, जिससे उनकी मृत्यु की संभावना भी कम होती है. साथ ही इसका मेंटेनेंस भी आसान होता है.
रोज पानी बदलना जरूरी नहीं : मछलियां फ्रेश वाटर में रहती हैं. इसका यह मतलब नहीं कि आप एक्वेरियम का पानी हर रोज बदलती रहें. इससे मछलियों की मौत हो सकती है. दरअसल पानी में मौजूद बैक्टिरिया मछलियों को जिंदा रखने में मददगार होते हैं. इसी वजह से एक्वेरियम का पानी सप्ताह में एक बार ही बदलें, वह भी केवल 10 से 20 प्रतिशत ही. हां, अगर एक्वेरियम में फिल्ट्रेशन सिस्टम है, तो महीने में एक बार 40-50 फीसदी तक पानी बदल सकती हैं. पानी को प्रदूषणमुक्त करने के लिए उसमें एंटी क्लोरीन सफेद गोलियां डाल सकते हैं.
सीमित हो मछलियों की संख्या : एक्वेरियम में मछलियों की संख्या उसके साइज के अनुसार होनी चाहिए. हालांकि इसका मतलब यह भी नहीं कि बड़े एक्वेरियम में आप 15-20 मछलियों को ठूंस दें.
एक्वेरियम एक तरह से मछलियों के लिए छोटे तालाब की तरह होता है, जिसमें मछलियों को अपने द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट के साथ ही रहना होता है. ऐसे में अधिक संख्या उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है. अगर कोई मछली मर जाये, तो उसे तुरंत फिश टैंक से बाहर निकाल दें. इसके अलावा, सप्ताह में दो बार एक्वेरियम में फिश फूड डालना भी न भूलें.
दें प्राकृतिक आवास का एहसास : जिस तरह हम अपने प्राकृतिक परिवेश में सुकून महसूस करते हैं, वैसे ही जीव-जन्तु भी अपने प्राकृतिक परिवेश में बेहतर महसूस करते हैं. एक्वेरियम में मछलयिों को ऐसा माहौल देने के लिए सतह पर बालू की डेढ़-दो इंच मोटी परत बिछा दें. इनके ऊपर शंख, मिट्टी के छोटे गमले, खिलौने, पत्थर के छोटे बड़े चपटे ब्लॉक आदि रख सकती हैं. इसके अलावा कुछ हाइड्रा प्लांट्स भी डाल सकती हैं, जो पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को बनाये रखने और उसे ताजा रखने में मददगार होता है. साथ ही सूर्य की रोशनी के विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक बल्ब का लगाना भी जरूरी है.
साफ-सफाई का रखें ख्याल
फिश टैंक में मछलियां स्वस्थ और जीवित रहें, इसके लिए नियमित रूप से इसकी समुचित साफ-सफाई होनी जरूरी है.
– सबसे पहले एक्वेरियम में लगे विभिन्न सिस्टम जैसे- एयर पंप, वाटर हीटर, थर्मामीटर, लाइट, फिल्टर आदि को अलग करके निकाल दें.
– फिश नेट की सहायता से सभी मछलियों को भी निकाल कर पानी भरे बाल्टी या टब में रखें.
– एक्वेरियम से पानी निकालने के लिए साइफन पाइप का उपयोग करें. इसे आप किसी एक्वेरियम स्टोर या ऑनस्टोर से खरीद सकती हैं.
– एक्वेरियम के कांच को लिक्विड शॉप और स्पंज की सहायता से धो कर धूप में अच्छी तरह सूखा लें.
– अब उसमें सारे अटैचमेंट्स को वापस से फिट करें. फिर साफ ताजा पानी भर मछलियों को वापस से डाल दें.