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बच्चों की लंबाई बढ़ायेगी ये मुद्रा

ओशो सिद्धार्थ औलिया योग विशेषज्ञ, ओशोधारा सोनीपत पृथ्वी मुद्रा से शरीर में पृथ्वी तत्व बढ़ता है. मुद्रा चिकित्सा के अनुसार, अनामिका उंगली विटामिनों की आवश्यकता और हमारी प्राण-शक्ति को नियंत्रित करती है. यह मुद्रा लौह-तत्व, कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन की कमी को दूर करती है. अत: खून की कमी के मामलों में और जिन्हें कमजोरी […]

ओशो सिद्धार्थ औलिया
योग विशेषज्ञ, ओशोधारा सोनीपत
पृथ्वी मुद्रा से शरीर में पृथ्वी तत्व बढ़ता है. मुद्रा चिकित्सा के अनुसार, अनामिका उंगली विटामिनों की आवश्यकता और हमारी प्राण-शक्ति को नियंत्रित करती है. यह मुद्रा लौह-तत्व, कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन की कमी को दूर करती है.
अत: खून की कमी के मामलों में और जिन्हें कमजोरी की शिकायत हो, उनके लिए यह मुद्रा विशेष लाभकारी है. वजन बढ़ाने, पाचन ठीक करने, प्रोस्टेट की सूजन को समाप्त करने, मस्तिष्क को क्रियाशील बनाने और प्रसन्नचित्त रहने के लिए यह मुद्रा बहुत कारगर है. जिन बच्चों का शरीर पर्याप्त भोजन लेने पर भी मांसल नहीं दिखता, उन्हें इससे काफी लाभ होगा.
अधिक चंचल बच्चों की सक्रियता को सामान्य बनाने, बालों का झड़ना और सफेदी रोकने और हिमोग्लोबिन बढ़ाने, प्रोस्टेट ग्रंथि के शोथ से निजात पाने और हर्निया के लिए भी यह मुद्रा आजमायी जा सकती है. बच्चों की लंबाई बढ़ाने में भी यह मुद्रा सहायक है. यह मुद्रा शरीर में जोश, स्फूर्ति, आनंद और ओज बढ़ाती है, जिससे सारे शरीर का सौंदर्य बढ़ता है. इसके निरंतर प्रयोग से संकुचित विचार विदा होने लगते हैं और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है.
कैसे करें : अंगूठे के शीर्ष को अनामिका के शीर्ष से मिलाएं. शेष तीनों उंगलियों को सीधा रखें.
कितनी देर : 45 मिनट रोजाना.

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