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जीएसटी के बाद सेनेटरी नैपकिन बना लक्जरी, विरोध में महिलाओं ने मोदी और जेटली को भेजा…

देशभर में एक जुलाई से जीएसटी ( गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) लागू कर दिया गया है. इस टैक्स के तहत सेनेटरी नैपकिन को विलासिता की वस्तु बताते हुए उसपर 12 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है. सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली को सेनेटरी नैपकिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2017 4:23 PM

देशभर में एक जुलाई से जीएसटी ( गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) लागू कर दिया गया है. इस टैक्स के तहत सेनेटरी नैपकिन को विलासिता की वस्तु बताते हुए उसपर 12 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है. सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली को सेनेटरी नैपकिन भेजना शुरू कर दिया है. सरकार के इस फैसले का उनकी अपनी मंत्री मेनका गांधी ने जमकर विरोध किया था और कहा था कि इस तरह का टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए.

सेनेटरी नैपकिन पर को विलासिता की वस्तु बताने पर महिलाओं ने इसका विरोध करने का फैसला किया था और कहा था कि वे विरोध स्वरूप उन्हें सेनेटरी नैपकिन भेजेंगी.
गौरतलब है कि जब सरकार ने इसे विलासिता की वस्तु बताते हुए टैक्स लगाने की बात कही थी, तब ही से महिलाओं ने इसका विरोध किया था और ट्‌वीटर पर हैशटैग लहू का लगान से कई ट्‌वीट किये गये थे और सरकार के फैसले का विरोध किया गया था. कई महिलाओं ने हैशटैग लहू का लगान के साथ ट्‌वीट किया कि सिंदूर आप टैक्स फ्री रखते हैं लेकिन सेनेटरी नैपकिन पर 12 प्रतिशत टैक्स ऐसा क्यों. वहीं कुछ लोगों ने इसे स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा बताते हुए भी इसका विरोध किया है. शालिनी ठाकरे ने ट्‌वीट किया है कि जीएसटी का कारण महिलाओं का पीरियड्‌स महंगा हो गया है.

वित्तमंत्री जी ध्यान दें, सेनेटरी नैपकिन पर जीएसटी लगाना क्या महिला विरोधी फैसला नहीं?

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