दूषित खाना दे सकता है गैस्ट्रोइंटराइटिस
बरसात को यूं तो गरमागरम चाय-पकौड़ों का मौसम समझा जाता है, मगर इसी मौसम में सबसे ज्यादा पेट की बीमारियां होती हैं. तापमान में बार-बार बदलाव और उमस से बीमारियां फैलानेवाले बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं. इसलिए साफ-सफाई और आहार का रखें ख्याल. बारिश का मौसम जहां गरमी से राहत दिलाता है, वहीं […]
बरसात को यूं तो गरमागरम चाय-पकौड़ों का मौसम समझा जाता है, मगर इसी मौसम में सबसे ज्यादा पेट की बीमारियां होती हैं. तापमान में बार-बार बदलाव और उमस से बीमारियां फैलानेवाले बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं. इसलिए साफ-सफाई और आहार का रखें ख्याल.
बारिश का मौसम जहां गरमी से राहत दिलाता है, वहीं बरसात में जरा भी दूषित खाने-पानी से पेट में इन्फेक्शन यानी गैस्ट्रोइंटराइटिस होने का खतरा रहता है. ऐसा होने पर मरीज को बार-बार उलटी, दस्त, पेट दर्द, शरीर में दर्द या बुखार हो सकता है. इसलिए इन दिनों में हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, खुद को फिट रखने के लिए जरूरी है कि संतुलित आहार ही लें. रोज की डायट में साबूत अनाज, दालें, मौसमी फल, हरी सब्जियां शामिल करें, क्योंकि ये हर बीमारी से बचाती हैं. खाने को कम-कम मात्रा में खाएं, क्योंकि बरसात में में खाना देरी से पचता है. इस मौसम में पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, इसलिए कम वसायुक्त भोजन का सेवन करना चाहिए. ऐसा आहार लें, जिसमें कैलोरी की मात्रा सामान्य हो और विटामिन सी, विटामिन इ, सेलेनियम, जिंक, आयरन, गुड क्वालिटी प्रोटीन, प्रोबायोटिक पर्याप्त मात्रा में हों.
हर्बल चाय व सूप : चूंकि बारिश अपने साथ बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण लेकर आता है, अतः हर्बल चाय पीना ज्यादा अच्छा होता है. अदरक, नीबू, गोलमिर्च, दालचीनी से बनी चाय के कई फायदे हैं. जिन लोगों को गरमागरम सूप पसंद है, वे बाजार के इंस्टेंट सूप की बजाय कद्दू, टमाटर या चिकन सूप घर पर ही बना कर पीएं. इसमें आप लहसुन एवं अदरक का प्रयोग करेंगे, तो ज्यादा फायदेमंद व स्वादिष्ट होगा. लहसुन बॉडी की इम्यूनिटी बूस्ट करता है और टॉक्सिंस को बाहर निकालता है. आप लहसुन को भून कर सब्जी या दाल में भी इस्तेमाल करें.
सब्जियां व ताजे फल : इस समय आपके शरीर में काफी मात्रा में ऑक्सीडेंट जमा होते हैं, जिन्हें एंटी-ऑक्सिडेंट से दूर किया जाना अनिवार्य है. कड़वे और खट्टे स्वादवाली सब्जियां और फल लें. मॉनसून में आसानी से मिलनेवाली ये चीजें बॉडी की इम्युनिटी को बढ़ाने में काफी मदद करती हैं. विटामिन सी इस मौसम में आपको बीमारियों से दूर रहने में मदद करता है और इम्युनिटी को बढ़ाता है नीबू और मौसंबी जैसे खट्टे फलों को डायट में जरूर शामिल करें.
पानी उबाल कर पीएं : इस मौसम में गले की खरास और सर्दी जुकाम होना आम बात है, क्योंकि एकदम से एनवायरनमेंट चेंज होने से बॉडी उस हिसाब से चेंज नहीं हो पाती. पानी की मात्रा बढ़ा दें, क्योंकि मौसम में नमी होने से शरीर में पानी कमी होने के बावजूद प्यास महसूस नहीं होती. हमेशा उबाल कर ठंडा किया हुआ या फिल्टर किये हुए स्वच्छ पानी का सेवन करें. कम-से-कम 15 मिनट तक पानी अवश्य उबालें.
ड्राइ फ्रूट्स जरूर लें : ड्राइ फ्रूट्स जिंक और विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाते हैं. प्रतिदिन एक मुट्ठी सूखे मेवे जरूर लें. सी फूड जैसे- मछली, झींगा आदि खाने से बचें.
फास्ट फूड से करें परहेज : सड़क किनारे मिलनेवाले या होटल के खाने से पूरी तरह परहेज करें. यह फूड प्वाइजनिंग का प्रमुख कारण है. जब भूख लगे, तभी और जितनी भूख हो उतनी ही आराम से पचने लायक खाना लेना चाहिए.हमेशा ताजा-गरम खाना ही खाएं.
बाजार के बजाय घर के बने पकौड़े खाएं
ऐसे कई स्नैक्स हैं, जो तले रूप में दुकानों पर बारिश के मौसम में आप खाते होंगे. इस मौसम में पकोड़े और समोसे देखते ही हर किसी का जी ललचाने लगता है. मगर खुद पर थोड़ा कंट्रोल रखना जरूरी है, रास्ते के किनारे की दुकानों में दिखनेवाले इनखाद्य पदार्थों में तमाम प्रकार के जीवाणुओं का समावेश होता है. साथ ही बार-बार एक ही तेल प्रयोग करने की वजह से इनमें ट्रांस फैट होते हैं, जो हमारे लिए नुकसानदेह होते हैं. इनका सेवन करना आपके लिए सही नहीं होता. इसके बजाय आप घर के बने स्नैक्स ही खाएं, तो बेहतर होगा. इससे आपको स्वाद के साथ स्वास्थ्य का भी लाभ मिलेगा.