बाल विवाह बंद होने से पूरे विश्व को ऐसे होगा आर्थिक लाभ…. जानें आप भी
बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बाल विवाह वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट में बाल विवाह का एक दूसरा पक्ष भी दिखाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार बाल विवाह करने वाली बच्चियों के साथ मार-पीट, गाली-गलौज आदि जैसे अपराधिक मामले ज्यादा होते हैं. यहां तक कि उनमें एचआइवी और एड्स जैसी खतरनाक बीमारी की […]
बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बाल विवाह
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट में बाल विवाह का एक दूसरा पक्ष भी दिखाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार बाल विवाह करने वाली बच्चियों के साथ मार-पीट, गाली-गलौज आदि जैसे अपराधिक मामले ज्यादा होते हैं. यहां तक कि उनमें एचआइवी और एड्स जैसी खतरनाक बीमारी की आशंका भी बढ़ जाती है.
ऐसे बच्चे स्कूल की पढ़ाई भी पूरी नहीं करते और कम उम्र में ही बच्चे को जन्म देते हैं, जो उनमें कई तरह की बीमारियों का कारण भी बनता है. कम उम्र में बच्चे को जन्म देने वाली बच्चियों में एनीमिया, मलेरिया, एचआईवी व यौन संक्रमित बीमारियों, मेंटल डिस्ऑर्डर आदि जैसे रोग का खतरा ज्यादा होता है.
शहरी क्षेत्र में बढ़ा है बाल विवाह का स्तर
इंडिया स्पेंड द्वारा 9 जून 2017 को जारी रिपोर्ट में एक और बात सामने आयी. रिपोर्ट के अनुसार शहरों में बाल विवाह का स्तर साल 2001 के 1.78% के मुकाबले बढ़कर साल 2011 में 2.45% हो गया है. ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह में गिरावट आयी है. गांव में होने वाले बाल विवाह का स्तर साल 2001 के 2.75 प्रतिशत के मुकाबले गिरकर साल 2011 में 2.43 फीसदी पर पहुंच गया है.
इंडिया स्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत के 10 से 19 साल के 17 मिलियन यानी 1.7 करोड़ बच्चों की शादी हो चुकी है. इनसे जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या 60 लाख है. इन सभी को मिला दें तो भारत की 47 फीसदी अबादी होंगे.