आपके शरीर को फिट रखते हैं ये FAT

अक्सर आपने लोगों को अपने शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट से मुक्ति पाने के लिए तरसते देखा होगा. मगर क्या कभी किसी के मुंह से बॉडी के लिए जरूरी गुड फैट के बारे में सुना है? वैसे बता दें कि कुछ फैट ऐसे भी हैं, जो सिर्फ आपके ही नहीं, बल्कि हर किसी के शरीर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2017 1:35 PM
अक्सर आपने लोगों को अपने शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट
से मुक्ति पाने के लिए तरसते देखा होगा. मगर क्या कभी किसी के मुंह से बॉडी के लिए जरूरी गुड फैट के बारे में सुना है? वैसे बता दें कि कुछ फैट ऐसे भी हैं, जो सिर्फ आपके ही नहीं, बल्कि हर किसी के शरीर के लिए जरूरी हैं. ये फैट शरीर को एनर्जी देते हैं.
सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि हमारे शरीर को एनर्जी देनेवाले तीन खास मैक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, ये हैं- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट. अब क्योंकि 1 ग्राम फैट 9 किलोकैल देता है.
इस तरह से इसे फिटनेस की डिक्शनरी से काट दिया गया है. अब यहां दूसरी जरूरी बात यह है कि मोटा बनाने के लिए फैट नहीं, कैलोरी जिम्मेवार होती है. यही नहीं, जरूरत से ज्यादा प्रोटीन लेने से भी ऐसा हो सकता है.
यह बात तो सभी जानते हैं कि लगभग सभी प्राकृतिक चीजों में थोड़ा-बहुत फैट होता है. यह न सिर्फ ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है, बल्कि ऊर्जा को संग्रहित भी करता है. कहते हैं कि अगर शरीर में इसकी कमी हो जाये, तो दिमाग के काम करने की क्षमता कम हो सकती है.
इसके पीछे कारण है कि यह फैट नर्वस और ब्रेन को ऊर्जा प्रदान करता है. हेल्दी स्किन और टिशूज के अलावा यह सॉल्युबल विटामिंस जैसे ए, डी, इ और के ट्रांसपोर्ट करता है. ऐसे में कुल मिलाकर फैट भी दो तरह के होते हैं
– गुड फैट और बैड फैट.
-खतरनाक हैं ट्रांस फैट्स
आमतौर पर सैच्युरेटेड और ट्रांस फैट्स दिल के लिए खराब माना जाता है. यह सैच्युरेटेड फैट मीट और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है.
यह फैट ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) को बढ़ाता है. इसे रिफाइंड कार्ब्सवाले खाद्य पदार्थों के साथ लिया जाये तो टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोगों की आशंका और भी बढ़ जाती है. इसलिए ट्रांस फैट्स खतरनाक माने जाते हैं. ये हाइड्रोजेनेटेड वेजटेबल ऑयल्स में पाये जाते हैं. यानी चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, डोनट्स, कुकीज, केक, पेस्ट्रीज, बटर पॉपकॉर्न जैसी चीजों में.
-लीजिए ये फैट : मोनोसैच्युरेटेड और पॉलीअन सैच्युरेटेड फैट्स की सीमित मात्रा हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है.
इसको लेकर हाल ही में हुए रिसर्च बताते हैं कि मोनोसैच्युरेटेड फैट्स जैसे-नट्स (बादाम, अखरोट, पिस्ता, काजू) पीनट-आमंड बटर, एवोकैडो, वेजिटेबल ऑयल्स (ऑलिव ऑयल, केनोला ऑयल, पीनट ऑयल) फायदेमंद हैं. पॉली अनसैच्युरेटेड फैट्स भी कोलेस्ट्रॉल स्तर को घटा कर हार्ट प्रॉब्लम्स दूर रखते हैं. ओमेगा-3 फैटी एसिड हार्ट को हेल्दी रखते हैं. सालमन फिश, फ्लैक्स सीड्स (अलसी), केनोला ऑयल, टोफू, रोस्टेड सोयाबींस, सोया नट्स, सनफ्लॉवर सीड्स व ऑयल आदि में ये पाये जाते हैं.
-ऐसे रहिए बिल्कुल फिट
उन खानेवाली चीजों से दूर रहना होगा आपको, जिनमें सैच्युरेटेड और ट्रांस फैट्स हों. मोनोसैच्युरेटेड और पॉली अनसैच्युरेटेड फैटी एसिड्स से भरपूर खाद्य प्रदार्थों को डायट में शामिल करें.
-क्या और कितना खाना है
इसे खाने का भी अपना तरीका है. सामान्य वयस्कों के लिए रोज 3-4 टीस्पून फैट पर्याप्त है. इसमें कुकिंग ऑयल, घी, बटर, डेयरी उत्पाद शामिल हैं. मेनोपॉज के दौरान हॉर्मोनल असंतुलन के कारण वजन बढ़ने लगता है.
इसलिए कम ऑयल लेने की सलाह दी जाती है. इसको ध्यान में रखकर डायट में सोया, सोयाबीन ऑयल, फ्लैक्स सीड्स, सोया नट्स, फ्रूट्स और सब्जियों को डायट में शामिल करना होगा.
बातचीत : रूचि शर्मा, कानपुर

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