कैंसर के इलाज का सबसे नवीनतम तकनीक है ‘प्रोटॉन बीम थेरेपी’ : डॉ पोथाराजू महादेव
पटना : देश के जाने-माने Radiation Oncologist डॉ पोथाराजू महादेव ने कैंसर से इलाज के लिए ‘प्रोटॉन बीम थेरेपी’ को एक नवीनतम और कारगर तकनीक बताया। उन्होंने आज पटना के होटल नेस इन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘प्रोटॉन बीम थेरेपी’ रेडियोथेरेपी में नवीनतम तकनीक है और रेडियोथेरेपी देने के […]
पटना : देश के जाने-माने Radiation Oncologist डॉ पोथाराजू महादेव ने कैंसर से इलाज के लिए ‘प्रोटॉन बीम थेरेपी’ को एक नवीनतम और कारगर तकनीक बताया। उन्होंने आज पटना के होटल नेस इन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘प्रोटॉन बीम थेरेपी’ रेडियोथेरेपी में नवीनतम तकनीक है और रेडियोथेरेपी देने के सबसे सटीक तरीकों में से एक है. एक प्रोटॉन एक सकारात्मक चार्ज कण है. उच्च ऊर्जा पर, प्रोटॉन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है. यह कैंसर के उपचार में परिवर्तक होने जा रहा है. जिस तरह से रेडियोथेरेपी का अभ्यास किया जाता है, उसके लिए क्रांतिकारी बदलाव की संभावना है.
डॉ महादेव ने कहा कि यह रेडियोथेरेपी पक्ष प्रभावों को कम करने और इलाज दर को अधिकतम करने में मदद करेगा. हमें उम्मीद है कि पहले मरीज को अक्टूबर 2018 में इलाज किया जाएगा. जल्द ही अपोलो अस्पताल चेन्नई प्रोटन थेरेपी से कैंसर का इलाज संभव हो सकेगा. यह दुनिया के इस हिस्से में अपनी तरह का पहला प्रयोग होगा. भारत में हर साल करीब छह लाख लोगों की मौत कैंसर से होती है. उनमें आधे से ज्यादा 30 से 70 वर्ष के बीच के उम्र के होते हैं. इस वक्त भारत में 14 लाख लोग कैंसर से पीडि़त हैं. वहीं, साल 2014 में प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 97 % कैंसर के केस बिहार में दर्ज हुए है, जो काफी चिंता जनक है.
उन्होंने कहा कि 2012 तक के आंकड़ों के अनुसार, पुरूषों के फेफड़े, कोलोरक्टल, उदर, पेट और सर ये पांच मुख्य जगह हैं, जहां कैंसर फैलता है, तो महिलाओं के बीच ब्रेस्ट, ओवरी, होंठ, फेंफड़ा और गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर तेजी से फैलती है।.नेशनल कैंसर रजिस्ट्री के मुताबिक, भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल (ग्रीवा) कैंसर ज्यादा होते हैं. इससे पहले उन्होंने बोरिंग रोड स्थित साईं फिजियोथेरेपी सेंटर में कैंसर के मरीजों की स्पेशल क्लिनिक का भी आयोजन किया, जिसमें उन्होंने कैंसर से बचाव और उसके उपचार के बारे में विस्तार से बातें की. संवाददाता सम्मेलन में डॉ राजीव कुमार सिंह और शांतनु चटर्जी भी मौजूद रहे.