अल्कोहल की मदद से जिंदा रहती है यह मछलियां

हाल ही में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जमी हुई झीलों में जिंदा रहने के लिए गोल्डफिश अल्कोहल का निर्माण करती हैं. इंसान व अन्य वर्टिव्रेट एनिमल ऑक्सीजन के बिना कुछ ही मिनट में मर जाते हैं. वहीं, गोल्डफिश कई दिन तक और कई बार तो कई माह तक बर्फ से ढके तालाबों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2017 11:10 AM

हाल ही में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जमी हुई झीलों में जिंदा रहने के लिए गोल्डफिश अल्कोहल का निर्माण करती हैं. इंसान व अन्य वर्टिव्रेट एनिमल ऑक्सीजन के बिना कुछ ही मिनट में मर जाते हैं. वहीं, गोल्डफिश कई दिन तक और कई बार तो कई माह तक बर्फ से ढके तालाबों में जीवित रह जाते हैं.

दरअसल, इस दौरान ये मछलियां हवा की गैरमौजूदगी में लैक्टिक एसिड को एथेनॉल में बदल पाती हैं. यह उनके गलफड़ों से होता हुआ आसपास के पानी में आ जाता है और शरीर में लैक्टिक एसिड हानिकारक निर्माण को रोकता है.

नॉर्वे के ओस्लो विश्वविद्यालय और ब्रिटेन के लिवरपूल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस बेहद अलग क्षमता के पीछे की आणविक प्रक्रिया का पता लगाया है. गोल्डफिश की मांसपेशियों में प्रोटीन का एक नहीं दो सेट होते हैं. इनमें से दूसरा सेट ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में सक्रिय हो जाता है.

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