ये है वो 10 मुख्य फल एवं सब्जियां जिससे बढ़ता है इम्यून सिस्टम

श्वेता जायसवाल कंसल्टेंट डायटिशियन नगरमल मोदी सेवा सदन बरियातु, रांची विटामिन सी शरीर को अन्य कई तरीकों से लाभ पहुंचाता है. हड्डियों को जोड़नेवाला कोलाजेन नामक पदार्थ ब्लड वेसेल्स, लिगामेंट, कार्टिलेज आदि के निर्माण में विटामिन सी की आवश्यकता होती है. यह कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करता है. मानव शरीर में आयरन के अवशोषण में मदद करता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2017 1:40 PM
श्वेता जायसवाल
कंसल्टेंट डायटिशियन नगरमल मोदी सेवा सदन बरियातु, रांची
विटामिन सी शरीर को अन्य कई तरीकों से लाभ पहुंचाता है. हड्डियों को जोड़नेवाला कोलाजेन नामक पदार्थ ब्लड वेसेल्स, लिगामेंट, कार्टिलेज आदि के निर्माण में विटामिन सी की आवश्यकता होती है. यह कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करता है. मानव शरीर में आयरन के अवशोषण में मदद करता है. यह एक एंटीबायोटिक की तरह काम करता है, जिसमें यह फ्री रैडिकल को अवशोषित कर शरीर को कैंसर जैसी घातक बीमारियों से बचाता है.
इसमें एंटीथिस्टेमाइंस गुण होने के कारण यह सामान्य सर्दी-जुकाम में औषधि के रूप में कार्य करता है. यह एंटीथिस्टेमाइंस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यह मानव शरीर के वृद्ध होने की प्रकिया को धीमा करने में भी महत्वपूर्ण है. यह ब्लड प्लाजमा में उपस्थित एस्कॉर्बिक एसिड का स्तर व्यक्ति के आयु बढ़ने के साथ-साथ कम होता रहता है.
एक अध्ययन के अनुसार विटामिन सी वसा को गलाने का काम करता है. यह शरीर में 30% से ज्यादा वसा को गलाता है. यह उच्च रक्तचाप में फायदेमंद होता है. अपने आहार में प्रतिदिन विटामिन सी लेने से यह मांसपेशियों को फैला देती है. यह आंखों के रोग गलूकोमा से बचाता है. विटामिन सी शरीर में एक रसायन सेरटोनिन के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह सेरटोनिन रसायन नींद के लिए बहुत जरूरी है.
कमी से हो सकते हैं कई दुष्प्रभाव : विटामिन सी की कमी से आंखों में मोतियाबिंद होने की संभावना बढ़ जाती है. खाने को पचाने में भी उसका प्रमुख योगदान होता है.
मसूड़ों में खून एवं मवाद बहना, मुंह से बदबू आना, पाचन क्रिया में दोष, घुटनो में दर्द, भूख न लगना, सांस लेने में कठिनाई, चर्म रोग, गर्भपात, खून की कमी, फेफड़े की कमजोरी, जुकाम, चेहरे पर दाग, एलर्जी की आशंका रहती है.
अधिकता से भी हो सकता है नुकसान : विटामिन सी की अधिकता से शरीर को नुकसान होता है. प्रतिदिन 1000mg से अधिक लेने से शरीर के विभिन्न अंगों में जैसे-किडनी, हृदय आदि में पथरी हो सकती है. यह oxallate crystal का बना होता है. इस पथरी के कारण पेशाब में जलन या दर्द रहता है या पेट खराब रहने से दस्त हो सकता है. रक्त की भी कमी हो सकती है.
कितनी जरूरत : विटामिन सी की जरूरत उम्र के हिसाब से अलग-अलग है. ICMR, 2010 के अनुसार महिला एवं पुरुष को 40mg प्रतिदिन, गर्भवती को 60mg प्रतिदिन, दूध पिलानेवाली माताओं को 80 mg, 0-12 माह के बच्चों को 25mg, 4-9 वर्ष के बच्चों को 40mg, 10-17 वर्ष के लड़कों-लड़कियों को 40mg प्रतिदिन की आवश्यकता होती है.

10 मुख्य फल एवं सब्जियां
पपीता : 100 ग्राम पपीता में 188 एमजी विटामिन सी पाया जाता है. प्रतिदिन 25-30 ग्राम पपीता खाने से दिन भर की पूर्ति हो जाती है.
पालक साग : प्रति 100 ग्राम पालक साग में 120 एमजी विटामिन सी पाया जाता है. 50-100 ग्राम प्रतिदिन पालक साग उपयोग कर सकते हैं.
ब्रोकली : प्रति 100 ग्राम में 132 एमजी विटामिन सी पाया जाता है. 40-50 ग्राम ब्रोकली प्रतिदिन उपयाेग किया जा सकता है.
संतरा : 100 ग्राम संतरा में 70 एमजी विटामिन सी पाया जाता है. 1-2 मध्यम आकार के संतरा लिया जा सकता है.
सहजन का पत्ता : प्रति 100 ग्राम सहजन के पत्ते में 220 एमजी विटामिन सी पाया जाता है. 25 ग्राम पत्ता प्रतिदिन लिया जा सकता है.
अमरूद : प्रति 100 ग्राम अमरूद में 212 एमजी विटामिन सी पाया जाता है. रोज 1-2 छोटा अमरूद लेना चाहिए.
स्ट्राबेरी : प्रति 100 ग्राम स्ट्राबेरी में 100 एमजी विटामिन सी होता है. 1/2 कप स्ट्राबेरी लिया जा सकता है.
कीवी : 100 ग्राम में 137 एमजी विटामिन सी होता है. रोज दो कीवी लें.
पत्तागोभी : 100 ग्राम पत्तागोभी में 124 एमजी विटामिन सी पाया जाता है. 150gm पत्तागोभी ले सकते हैं.

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