20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ऑस्ट्रेलिया : सोशल मीडिया के कारण 40 फीसदी महिलाएं अवसाद की शिकार

10 हजार महिलाओं पर किया गया शोध ऑस्ट्रेलिया में हुए हालिया शोध में यह पता चला है कि महिलाएं सोशल मीडिया के कारण चिंताग्रस्त हो रहीं हैं और फिटनेस के लिए समय नहीं निकाल पा रहीं हैं. जीन हेलिस विमन सर्वे के अनुसार ऑस्ट्रेलिया की 18 से 45 वर्ष की महिलाएं अवसाद के चपेट में […]

10 हजार महिलाओं पर किया गया शोध
ऑस्ट्रेलिया में हुए हालिया शोध में यह पता चला है कि महिलाएं सोशल मीडिया के कारण चिंताग्रस्त हो रहीं हैं और फिटनेस के लिए समय नहीं निकाल पा रहीं हैं. जीन हेलिस विमन सर्वे के अनुसार ऑस्ट्रेलिया की 18 से 45 वर्ष की महिलाएं अवसाद के चपेट में हैं. जिसका कारण सोशल मीडिया बताया जा रहा है. 10 हजार महिलाओं को इस सर्वे में शामिल किया गया.
जिसमें से 40 प्रतिशत महिलाएं अवसाद और चिंताग्रस्त पायी गयीं. द जीन हेलिस विमन हेल्थ सर्वे 2017 रविवार को जारी किया गया. सर्वे में यह पाया गया कि 60 प्रतिशत महिलाएं पूरे सप्ताह में ढ़ाई घंटे भी शारीरिक कसरत नहीं करती. महिलाओं का कहना है कि उनके पास काम से टाइम ही नहीं मिलता की वे कसरत या फिटनेस के लिए कुछ करें. जब वे अपने काम से घर लौटती हैं तो इतनी थकी रहती हैं कि उनका व्यायाम करने का मन नहीं करता.
18 से 89 वर्षीय पांच में से दो महिलाएं मानती हैं कि वे सामान्य से ज्यादा वजनी हैं. वही 20 फीसदी महिलाओं का मानना है कि वे आवश्यकता से अधिक वजनी हैं. सर्वे में शामिल महिलाओं में से पिछले पांच सालों में यौन संचारित संक्रमणों के लिए केवल एक चौथाई महिलाओं ने जांच करवाया था. सर्वेक्षण में शामिल महिलाओं में से 95 प्रतिशत महिलाएं धूम्रपान नहीं करती थी. इस सर्वे के प्रमुख रिपोर्टकर्ता डॉ हेलेन ब्राउन ने बताया कि हम महिलाओं की मानसिक स्थिति देखने की कोशिश कर रहे थे. जिसमें ये बाते निकल कर सामने आयी. उन्होंने बताया 18 से 35 वर्षीय महिलाएं ज्यादा तनाव में थी.
टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया ने महिलाओं पर दबाव बना रखा है. वे हर समय इन साइटों पर रहना चाहती हैं और अपने बारे में जानने की कोशिश करतीं हैं. इसका अर्थ यह है कि उनका फोन हमेशा उनके हाथ में रहता है और वे ज्यादातर ऑनलाइन रहती हैं. जब इन महिलाओं से पूछा गया कि क्या है जो आपको परेशान करता है, तो महिलाओं ने बताया कि हम विभिन्न विषय पर सोचते रहते जिसमें कुछ चीजें ऐसी होती है जिससे हम ऊबने लगते हैं .
खुद को लेकर रहती हैं असमंजस में
चिंताग्रस्त महिलाएं अपने शारीरिक विकास की चिंता नहीं करतीं. इनकी चिंता सामाजिक और खुद से संबंधित पायी गयी. ब्राउन ने बताया कि इन महिलाओं के पास स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारी थी. इसके बाद वे चुनने में असमंजस में थी कि किस जानकारी की ओर आगे बढ़ा जाये. महिलाएं यह समझने में असमर्थ थीं कि उनके लिए सही जानकारी क्या है जिसका वे पालन करें.
वे बताती हैं कि पुराने समय सूचना के संसाधन कम थे और जो जानकारी मिलती थी उसपर विश्वास कर महिलाएं आगे बढ़ती थीं. लेकिन, अब उनके पास संसाधनों की कमी नहीं हैं लेकिन समय की कमी के कारण वे मेहनत नहीं कर पा रहीं. सर्वेक्षण में पाया गया कि महिलाओं में पीरियड्स, हड्डी , स्तन, आंत्र और दर्दनाक सेक्स के बारे में सबसे अधिक चिंता थी. ब्राउन ने कहा कि इन महिलाओं को हमलोगों ने सलाह दी कि आप मूल बातों पर ध्यान दें और भटकाव से दूर रहें. व्यवहार में बदलाव थोड़ी जटिल प्रक्रिया है लेकिन,यह बहुत ही जरूरी है. क्योंकि हम जटिल वातावरण में रहते हैं.
उन्होंने कहा कि एक्टिव रहने का मतलब यह कतई नहीं कि हम रोजाना 10 किमी की दौड़ करें और जीम जायें. इसका अर्थ यह है कि आपने लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग किया. हल्के-फुल्के व्यायाम कर लिये. इतने से स्वस्थ्य रहा जा सकता है.
होंठ के बालों से घर बैठे पायें निजात
कटोरे में एक चम्मच हल्दी पाउडर, एक चम्मच दूध मिला लें. इस मिश्रण को अपने ऊपरी होंठ पर लगायें. सूख जाने के बाद इसे रगड़ कर साफ कर दें. फिर ठंडे पानी से धो लें. एक कटोरे में एक अंडे की सफेदी, मकई का आटा और चीनी मिला लें. इस पेस्ट को अपने ऊपरी होंठ के हिस्से पर लगा कर 30 मिनट तक सुखनें के लिए छोड़ दें. फिर अपनी स्किन को साफ कर लें. महिने में ऐसा दो बार करें आपको फर्क दिखने लगेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें