जवानी में कसरत करते है तो बुढ़ापे में रहेंगे फिट : शोध

अगर कोई इंसान अपनी जवानी में शारीरिक मेहनत करे, तो बुढ़ापे में यह उसके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. अमेरिका में हुई एक स्टडी के अनुसार युवावस्था में की गयी भाग-दौड़ बुढ़ापे में फायदेमंद साबित होती है. इस स्टडी के नतीजे मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज में इसी महीने छपे थे. खास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2017 12:23 PM
अगर कोई इंसान अपनी जवानी में शारीरिक मेहनत करे, तो बुढ़ापे में यह उसके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. अमेरिका में हुई एक स्टडी के अनुसार युवावस्था में की गयी भाग-दौड़ बुढ़ापे में फायदेमंद साबित होती है.
इस स्टडी के नतीजे मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज में इसी महीने छपे थे. खास बात यह भी है कि यह स्टडी करीब 50 साल पहले उस वक्त शुरू हुई थी, जब 1968 में अमेरिका में समर ओलिंपिक के लिए ट्रैक एंड फील्ड के ट्रायल्स चल रहे थे.
उस वक्त एक एक्सरसाइज फिजियोलॉजिस्ट जैक डैनियल्स ने अमेरिका के टॉप रनर्स के साथ काम करना शुरू किया. उसमें से 26 लोगों की उन्होंने गहराई से जांच की, जिसमें उन लोगों की ऐरोबिक कैपेसिटी और सेहत से जुड़ी कई दूसरी परफॉर्मेंस क्षमता का आकलन किया गया. इन सभी धावकों की उस वक्त उम्र 20 साल के आसपास थी और वे सभी लोग असाधारण डील-डौल थे. 1993 और 2013 में एक बार फिर इन लोगों का टेस्ट किया गया. उन 26 लोगों में से 3 की मौत हो चुकी थी, जबकि एक रनर ने टेस्ट में हिस्सा लेने से मना कर दिया था.
2013 के टेस्ट के दौरान जब उन लोगों से उनके एक्सरसाइज रूटीन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि वे हर सप्ताह कुछ घंटों के लिए वॉकिंग, जॉगिंग और साइकिलिंग करते हैं. 1968 और 1993 की तुलना में 2013 में किये गये टेस्ट में भले ही इन लोगों की फिटनेस में कमी आयी हो बावजूद इसके इनकी फिटनेस अमेरिका के बुजुर्गों में टॉप-10 में थी. इन पुरुषों की जीवनशैली से यह बात साबित हो गयी कि बढ़ती उम्र में भी बेहतर फिटनेस संभव है. इसके लिए जरूरी नहीं कि आप ओलिंपियन ही हों.

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