क्रूर होती जा रही मानव तस्करी : अभाव में जी रही लड़कियों को इटली में बेच रहे तस्कर

चिंता : नाइजीरिया में और क्रूर होती जा रही मानव तस्करी नाइजीरिया के गांवों से अभाव में जी रही लड़कियों को तस्कर समुद्र के रास्ते इटली ले जाते हैं. इस दौरान समुद्र में होनेवाली दुर्घटना से अगर नाव अगर बच जाती है, तो लड़कियों को इटली में बेच दिया जाता है. 16 वर्षीय ब्लेसिंग एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2017 12:50 PM
चिंता : नाइजीरिया में और क्रूर होती जा रही मानव तस्करी
नाइजीरिया के गांवों से अभाव में जी रही लड़कियों को तस्कर समुद्र के रास्ते इटली ले जाते हैं. इस दौरान समुद्र में होनेवाली दुर्घटना से अगर नाव अगर बच जाती है, तो लड़कियों को इटली में बेच दिया जाता है.
16 वर्षीय ब्लेसिंग एक नाव में बैठी थी जो उसे इटली ले जा रहा था. सामने अथाह सागर था. ब्लेसिंग ने अपनी दादी से सागर की कहानियां सुनी थी. सागर की देवी की कहानियां. देवी में आत्माओं को बचाने व निगल लेने की कहानियां. इन्हीं सोच में ब्लेसिंग डूबी थी और नाव सागर की लहरों पर हिचकोले खाते चलती जा रही थी.
पिछले सितंबर की रात, लीबिया के पश्चिमी तट पर, जांबिया में जब वह एक गोदाम में सो रही थी. तब एक आदमी ने उसे लताड़ते हुए जगाया. उसने कहा कि समुद्र शांत है, मौसम भी अच्छा है. यूरोप के लिए निकलने का सही समय है, हमें चलना चाहिए. अब वह समुद्र में थी. इतने बड़े नाव में जिसकी उसने कभी कल्पना तक नहीं की थी. उसने सोचा था कि वहां उसे एक शानदार नौकरी मिलेगी. लेकिन इटली में उसके साथ जो हुआ वह सोच कर वह आज भी सिहर जाती है.
यहां बस शोषण और मारपीट था जिससे वह हर रोज दो-चार होती. न्यूज डीपली में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आइओएम) के अनुसार साल 2016 में नाइजीरिया से इटली 11,009 महिलाएं समुद्र के रास्ते आयीं. यह संख्या पिछले साल लगभग 5,600 से दोगुनी थी.
संगठन की रिपोर्ट बताती है कि 2016 में इटली आने वाले नाइजीरियाई महिलाओं में से 80 प्रतिशत मानव तस्करी की शिकार थीं. गरीब देशों से भेड़-बकरियों की तरह लड़कियों को लाद कर इटली पहुंचाया जा रहा है. आधिकारिक बयान में आइओएम के एंटी ट्रैफिकिंग विशेषज्ञ सिमना मोसेरली ने कहा कि हमारी रिपोर्ट से पता चलता है कि मानव तस्करी नेटवर्क धीरे-धीरे और क्रुर तथा कुशल होते जा रहा है.
क्योंकि इसमें बहुत पैसा है. ब्लेसिंगग आइमो राज्य में एक गांव में पली-बढ़ी थी जो की नाइजीरिया के सबसे गरीब इलाकों में से एक है. सात वर्ष की आयु में उसके पिता की मौत हो गयी. इसके बाद उसके भाई-बहन सड़कों पर भीख मांग कर गुजारा करने लगे. एक दिन गांव की एक महिला उससे मिलने आयी, उसने कहा कि मैं जानती हूं कि तुम्हें और तुम्हारे परिवार को मदद की जरूरत है. मेरी बहन यूरोप में रहती है.
उसने बताया की यूरोप में कई परिवारों को रसोइया की जरूरत होती है. उसे बस किसी घर में खाना बनाना होगा. महिला ने उसे अपने दोस्त से मिलाया और एक दिन वह घर छोड़कर यूरोप के लिए निकल पड़ी. इस प्रकार ब्लेसिंग इनके चंगुल में फंस गयी. जहां प्रतिदिन उसका शोषण होता था. वहां कई दिनों की यातना सहने के बाद ब्लेसिंग को राजकुमारी नाम की नाइजीरियाई महिला सड़क पर मिली.
उसने बताया कि वह भी यह कर चुकी है. राजकुमारी पीआइएएम ओनलस की कोफांउंडर है जो एक इतालवी गैर-सरकारी संगठन है जो तस्करी की शिकार लड़कियों को बचाने के लिए काम करती है. इस प्रकार वह वहां से बच कर वापस आने में कामयाब हुई.
गांव के लोगों की गरीबी का फायदा उठाते हैं तस्कर
पीआइएएम के अन्य संस्थापक, अल्बर्टो मोसोइनो बताते हैं कि नाइजीरियाई लड़कियों को इटली में ले जाया जाने वाला व्यापार तस्करों की बढ़ती ताकत का संकेत है.
पिछले दो सालों में, हमने देखा है कि कई लड़कियां एक छोटी सी अवधि में यूरोप तक पहुंचती हैं, कभी-कभी एक महीने से भी कम समय में नाइजीरिया के छोटे-छोटे गांवों से लड़कियों को इटली पहुंचाया जा रहा है. इसका मतलब है कि माफिया जो तस्करी को नियंत्रित करते हैं, वे यात्रा पर जनजातियों और लड़ाकों को रिश्वत देने की शक्ति रखते हैं. तस्करों को पता है कि वे नाइजीरियाई लोगों की गरीबी का फायदा उठा सकते हैं.
मोसिनो कहते हैं कि पीआइएएम ओनलस जैसे समूह सरकारी सहायता से इन लड़कियों को छुड़ाने का काम करते हैं. यदि एक लड़की नाबालिग लड़की अगर तस्करों से बचायी जाती है. तो वह 21 वर्ष की होने तक नाबालिगों के लिए देश में बनाये गये विभिन्न केंद्रों में रहती हैं. इसके बाद सरकार की ओर से उसे नौकरी और रहने की जगह मुहैया करायी जाती है. जिससे उसका जीवन थोड़ा आसान हो जाता है.

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