इस वजह से भारत में कम उम्र में महिलाओं को हो रहा स्तन कैंसर, ये है बचाव के उपाय
खतरा : 28 में से एक भारतीय महिला को स्तन कैंसर का अंदेशा भारत में कम उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. इसका कारण महिलाओं की बदलती जीवनशैली बताया जा रहा है. भारतीय महिलाओं में कैंसर के मामले 30 वर्ष की आयु के बाद ज्यादा देखे गये हैं. देश में […]
खतरा : 28 में से एक भारतीय महिला को स्तन कैंसर का अंदेशा
भारत में कम उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. इसका कारण महिलाओं की बदलती जीवनशैली बताया जा रहा है.
भारतीय महिलाओं में कैंसर के मामले 30 वर्ष की आयु के बाद ज्यादा देखे गये हैं. देश में कैंसर पीड़ित महिलाओं में 27 प्रतिशत स्तन कैंसर की मरीज हैं. स्तन या बगल में गांठ, निप्पल से खून आना, स्तन पर धब्बे पड़ना, दर्द और सूजन होना इसके मुख्य लक्षण हैं. आंकड़ों की बात करें तो भारत में 28 में से एक महिला को जीवन में एक बार स्तन कैंसर होने का अंदेशा जरूर रहता है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अनुसार, भारतीय महिलाओं में छोटी उम्र में ही स्तन कैंसर होने लगा है. जागरूकता की कमी और रोग की पहचान में देरी के कारण इलाज में भी दिक्कत हो जाती है.
स्तन कैंसर में इस रोग के ऊतक या टिश्यू स्तन के अंदर विकसित होते हैं. इस रोग होने के पीछे जो कारक हैं, उनमें प्रमुख हैं जीन की बनावट, पर्यावरण और दोषपूर्ण जीवनशैली. बचाव के लिए जरूरी है कि 30 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं की स्क्रीनिंग आवश्यक रूप से की जाये.
साथ ही जीवनशैली में भी कुछ बदलाव किये जाएं तो इस रोग की आशंका कम की जा सकती है. आइएमए के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि यह ज्ञात हो चुका है कि डीएनए में अचानक से होने वाले परिवर्तनों के कारण सामान्य स्तन कोशिकाओं में कैंसर हो जाता है.
इनमें से कुछ परिवर्तन माता-पिता से भी मिलते हैं. प्रोटोओंकोजीन्स की मदद से कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं. अनियंत्रित कोशिका वृद्धि कैंसर का कारण बन सकती है. बीआरसीए वन और बीआरसीए टू जीन में उत्परिवर्तन होते हैं. माता-पिता से उत्परिवर्तित जीन से स्तन कैंसर का जोखिम अधिक होता है.
उच्च जोखिम वाली महिलाओं को हर साल एमआरआइ और मैमोग्राम कराना चाहिए. 11 वर्ष की आयु या उससे पहले ही मासिक धर्म शुरू हो जाये या 55 वर्ष या उससे अधिक उम्र में रजोनिवृत्ति हो तो माना जाता है कि एस्ट्रोजेन का एक्सपोजर अधिक है. महिलाओं को 45 वर्ष से 54 वर्ष की उम्र तक हर साल एक बार स्क्रीनिंग मैमोग्राम करा लेना चाहिए.
इस महामारी से बचाने के उपाय
शराब का सेवन कम करें, शराब से स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. यदि आदी हों तो दिन में एक पैग से अधिक न लें, क्योंकि शराब की कम मात्रा से भी खतरा रहता है. अनुसंधान बताता है कि धूम्रपान और स्तन कैंसर के बीच एक संबंध है. इसलिए, यह आदत छोड़ देना चाहिए. वजन काबू में रखें, अधिक वजन या मोटापे से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. रोजाना लगभग 30 मिनट व्यायाम जरूर करें. स्तनपान कराने से स्तन कैंसर की रोकथाम होती है. हार्मोन थेरेपी की अवधि तीन से पांच साल तक होने पर स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. सबसे कम खुराक का प्रयोग करें जो आपके लिए प्रभावी है. आप कितना हार्मोन लेते हैं इसकी निगरानी डॉक्टर खुद करे तो बेहतर होगा. फलों और सब्जियों की मात्रा भोजन में बढ़ाएं. योग अभ्यास, गहरी सांस लेने और व्यायाम करने से लाभ होता है.