सीरिया में युद्ध का प्रभाव : घर की छोटे-मोटे समान खरीदने के लिए भी बेच रहे हैं महिलाओं को
फिरौती से कमाई 40 मिलियन डॉलर युद्धरत सीरिया में महिलाओं का इस्तेमाल मुद्रा की जगह पर किया जा रहा है. टूट चुकी अर्थव्यवस्था में युद्ध में लगे दल व नागरिक लेन-देन के लिए महिलाओं का इस्तेमाल मुद्रा के रूप में कर रहे हैं. सीरिया में महिलाओं की बिक्री और व्यापार युद्ध के एक बदसूरत पहलू […]
फिरौती से कमाई 40 मिलियन डॉलर
युद्धरत सीरिया में महिलाओं का इस्तेमाल मुद्रा की जगह पर किया जा रहा है. टूट चुकी अर्थव्यवस्था में युद्ध में लगे दल व नागरिक लेन-देन के लिए महिलाओं का इस्तेमाल मुद्रा के रूप में कर रहे हैं.
सीरिया में महिलाओं की बिक्री और व्यापार युद्ध के एक बदसूरत पहलू पेश करती है. न्यूज डीपली में प्रकाशित खबर के अनुसार, युद्ध से टूट चुकी अर्थव्यवस्था में लगभग सभी दल और यहां तक कि नागरिक लाभ, हथियार व पहुंच बनाने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं.
कालाबाजारी से घिरा हुआ इस क्षेत्र में अधिकारों की लड़ाई खत्म हो चुकी है. आमतौर पर यहां लेनदेन और ट्रेडों के लिए मुद्रा के रूप में महिलाओं का उपयोग किया जा रहा है.
महिलाओं को फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया है, शादी के लिए बेचा जा रहा है. कुछ मामलों में, हथियारों और सामान के लिए महिलाओं का व्यापार किया जाता है. इसके साथ ही पैठ बनाने के लिए भी लोग औरतों का इस्तेमाल कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहली बार नहीं है कि सीरिया संघर्ष में डूबने के बाद महिलाओं का ऐसे इस्तेमाल कर रहा है. महिलाएं युद्ध की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गयी हैं.
जिसमें खतरा सिर्फ महिलाओं को है. रेफ्यूजी काउंसिल के लिए लिंग आधारित हिंसा विशेषज्ञ इमान ओबेड ने बताया कि मुद्रा के रूप में महिलाओं का उपयोग करना आम बात है. जब किसी को कुछ की जरूरत होती है, और वे खरीद नहीं पाते तो महिलाओं को आगे कर देते हैं. ऐसा सिर्फ युद्ध में शामिल लड़ाकों का समूह नहीं करता. बल्कि, नागरिक भी अपनी जरूरतों के हिसाब से महिलाओं की तिजारत कर रहे हैं.
कई बार देखा गया है कि सरहद पार करने, रक्षा, किराया व घूस के लिए महिलाओं को सामनेवाले के हवाले कर देते हैं. ओबेड ने बताया कि यहां कम ताकतवर दल ताकतवर को जीने के लिए पैसों के बदले महिलाएं देते हैं ताकि, वे उन पर हमला न करें. सीरिया में फिरौती के लिए महिलाओं को अगवा करना आम है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस्लामिक स्टेट ने इराक व सिरिया से फिरौती के रकम के रूप में लगभग 40 मिलियन डॉलर की उगाही की है. एसोसिएट प्रेस के अनुसार, सबसे कुख्यात अपहरणों में से एक मामला सैंकड़ों गैर सीरियाई ईसाइयों का था. जिनमें से कई महिलाओं को फरवरी 2015 में हस्केह प्रांत अपहरण किया गया था. आइएस ने इन्हें छोड़ने के लिए 18 मिलियन डॉलर की मांग की थी. लेकिन अंततः कुछ कम राशि पर बात बनी और उन्हें छोड़ा गया.
सरकारी तंत्र भी महिलाओं के अपहरण में शामिल
कुछ सरकारी संगठन के लड़ाकों पर भी महिलाओं के अपहरण का आरोप है. आइएस के इलाकों से भागने के लिए नागरिक लड़ाकों को महिलाएं पेश करते हैं ताकि वे जान-माल के साथ बॉर्डर पार कर जाएं. इसी प्रकार से महिलाओं का उपयोग यहां पैसे के लिए भी किया जाता है. इस कारोबार में हथियार, सामान और सेवाओं के बदले महिलाएं दी जाती हैं.
लेबनान में रह रहे सीरियाई रिफ्यूजी ने बताया कि इस प्रकार के व्यापार से आस-पास के देश भी प्रभावित हो रहे हैं. एक बार उसके मकान मालिक ने किराये के भुगतान के बदले उसकी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने की बात की. ऐसी शिकायतें कई महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति से भी की है. महिला और अंतरराष्ट्रीय शांति लीग की एक नवंबर 2016 की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया की सरकार ने सशस्त्र विपक्षी समूहों के हथियारों के साथ व्यापार में महिलाओं का सौदा करने की दोषी पायी गयी है.