ब्रेन कैंसर को रोक सकता है जीका वायरस !
खतरनाक जीका वायरस अजन्मे बच्चों के मस्तिष्क को काफी नुकसान पहुंचाता है. यही कारण है कि आम लोगों में इसके संक्रमण का काफी खौफ रहता है. वहीं, वैज्ञानिकों ने पाया है कि यह घातक वायरस एडल्ट्स में होनेवाले ब्रेन कैंसर से जुड़ी कोशिकाओं को मार सकता है. ये वे कोशिकाएं हैं, जो मानक उपचारों के […]
खतरनाक जीका वायरस अजन्मे बच्चों के मस्तिष्क को काफी नुकसान पहुंचाता है. यही कारण है कि आम लोगों में इसके संक्रमण का काफी खौफ रहता है. वहीं, वैज्ञानिकों ने पाया है कि यह घातक वायरस एडल्ट्स में होनेवाले ब्रेन कैंसर से जुड़ी कोशिकाओं को मार सकता है. ये वे कोशिकाएं हैं, जो मानक उपचारों के प्रति सबसे अधिक प्रतिरोधी होती हैं. अब तक जीका वायरस को स्वास्थ्य खतरे के रूप में देखा जा रहा था और इसका उपचार संभव नहीं हो पाया है.
हालांकि, हाल में हुई रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि वायरस का सिलेक्टिव इस्तेमाल किया जाये, तो व्यस्कों के मस्तिष्क में कैंसर पैदा करने वाले सेल्स को इसकी मदद से खत्म किया जा सकता है. ये नये नतीजे ब्रेन कैंसर की घातक किस्म ग्लियोब्लास्टोमा के लिए प्रभावी उपचार का रास्ता तैयार कर सकते हैं. ब्रेन कैंसर की यह किस्म पता लगने के एक साल के भीतर जानलेवा साबित होती है.
रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी के जरिये भी ग्लियोब्लास्टोमा का इलाज संभव नहीं है. ऐसे में शोध बताते हैं कि अजन्मे बच्चे के मस्तिष्क की कोशिकाओं को संक्रमित करने और मार डालने के लिए पहचाने जानेवाले जीका वायरस की घातक शक्ति को व्यस्कों के मस्तिष्क में मौजूद कैंसर पैदा करनेवाली कोशिकाओं की ओर मोड़ा जा सकता है. ऐसा कर पाने से ग्लियोब्लास्टोमा के खिलाफ लोगों की स्थितियों में सुधार लाया जा सकता है.