पढि़ए दिल छू लेने वाली मां और किन्नर बेटे के बीच यह संवाद

यह लेखिका चित्रा मुद्गल का नया उपन्यास है. एक किन्नर के जीवन और उसकी त्रासदी को आधार बना कर लिखे गये इस उपन्यास में हमारे समाज की विसंगतियां बहुत उभर कर सामने आती हैं. पूरा उपन्यास पत्रात्मक शैली में लिखा गया है, जो एक किन्नर और उसकी मां के बीच में है. एक अनवरत संवाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2017 12:57 PM
यह लेखिका चित्रा मुद्गल का नया उपन्यास है. एक किन्नर के जीवन और उसकी त्रासदी को आधार बना कर लिखे गये इस उपन्यास में हमारे समाज की विसंगतियां बहुत उभर कर सामने आती हैं. पूरा उपन्यास पत्रात्मक शैली में लिखा गया है, जो एक किन्नर और उसकी मां के बीच में है. एक अनवरत संवाद लगातार चलता रहता है. एक बच्चा जो संयोग से किन्नर पैदा हुआ है, पढ़ने में बहुत तेज है. घर के लोग उसे कुछ बनाना चाहते हैं, परंतु परिवार ने अंतत: बेटे को समाज की नजरों से बचाने की लाख जद्दोजहद के बाद अंतत: हार मान लिया है और लोगों में उसकी मौत की खबर फैला दी है.
सबने संतोष कर लिया, पर मां (बा) का मन नहीं मानता. वह उसे लगातार याद करती है. वहीं परिवार से दूर हो चुके बेटे को भी परिवार की बहुत याद आती है. वह मां से मिलना चाहता है. उसे पत्र लिखता है. पत्र सीधे घर पर जाकर मां के अलावा किसी और हाथों में नहीं पड़ जाये, इसके लिए वह पोस्ट बॉक्स लेता है. वह मां से मिलना चाहता है, परंतु दुनिया की नजरों में वह तो मर चुका है, फिर परिवार-समाज के सामने कैसे जाये. मरने का अफवाह फैला चुके उसके पिता और भाई लोगों को क्या जबाब देंगे.
वह मां को लिखता है- “कम्प्यूटर सीखना बहुत आसान है. तू भी सीख सकती है. सीख ले ना बा. नाला सोपारा में भी बहुत-सी कम्प्यूटर क्लासेज चल रही होंगी. सेकेंडों में सारी दुनिया कम्प्यूटर के सामने सिमट आती है, सेकेंडों में जब तू चाहेगी, मैं तेरे सामने होऊंगा. सेकेंडों में जब मैं चाहूंगा तू मेरे सामने होगी. किसी को पता भी नहीं चलेगा.”
अंतत: मां साहस करती है और दुनिया के सामने यह कहने को तत्पर होती है कि उसका बेटा जीवित है. वह अपने अन्य बेटों के समान उसे संपत्ति का अधिकार भी देना चाहती है. असल में समाज में जब परिवार के लोग अपने अन्य बच्चों के समान किन्नर बच्चे को संपत्ति में अधिकार देंगे, सरकार उनको आरक्षण देगी, तभी उनका जीवन सुधरेगा. चित्रा मुद्गल ने समाज के एक वर्ग की त्रासदी को बहुत संवेदनशीलता के साथ चित्रित किया है.
इमेल : kalawanti2@gmail.com

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