हर मर्ज में लाभकारी सोयाबीन

हमारे देश में काफी लोगों में प्रोटीन की कमी पायी जाती है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है. शाकाहारी लोगों के लिए सोयाबीन एवं सोया उत्पाद का सेवन बहुत लाभदायक है. यह हृदय रोग और डायबिटीज सहित कई जटिल रोगों को दूर रखने में मददगार है. सोयाबीन प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. इसमें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2017 10:27 AM
हमारे देश में काफी लोगों में प्रोटीन की कमी पायी जाती है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है. शाकाहारी लोगों के लिए सोयाबीन एवं सोया उत्पाद का सेवन बहुत लाभदायक है. यह हृदय रोग और डायबिटीज सहित कई जटिल रोगों को दूर रखने में मददगार है.
सोयाबीन प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. इसमें शरीर के लिए आवश्यक अमीनो एसिड पाया जाता है. यह कार्बोहाइड्रेट, वसा, कैल्शियम, आयरन, फाॅस्फोरस, मैग्नेशियम, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स एवं एंटीऑक्सीडेंट का भी अच्छा स्रोत है. सोयाबीन को कई तरीकों से उपयोग में किया जा सकता है. सोयाबीन में बने प्रोडक्ट को सोया प्रोडक्ट कहते हैं. इसके बीज की सब्जी बनती है, इसके तेल बनता है. छिलके से बरी बनायी जाती है. सोयाबीन का दूध, पनीर जिसे टोफू कहते हैं एवं दही भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.
हृदय रोगियों के लिए लाभकारी
सोयाबीन हृदय रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है. इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम होती है और मुख्य रूप से इसमे पॉली अनसैचुरेटेड फैट और मोनो अनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है. इसमें लिनोलेइक एसिड भी काफी मात्रा में पाया जाता है. हृदय की बीमारी से ग्रसित लोगों के खून में वसा की मात्रा बढ़ जाती है और फायदेमंद वसा यानी HDL(High density lipoprotein) की मात्रा कम हो जाती है. सोयाबीन LDL की मात्रा को कम करने में मदद करता है. इसमें उपस्थित saponins दिल की नलियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकता है.
डायबिटिक रोगी करें सेवन : सोयाबीन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण यह डायबेटिक मरीजों के लिए उपयुक्त है. इसके सेवन से ब्लड शूगर एवं कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है. मधुमेह के रोगियों के लिए सोयाबीन से बनी रोटी का उपयोग लाभदायक है. सोयाबीन रक्तचाप नियंत्रण में भी मदद करता है. सोयाबीन दिमाग से संबंधित परेशानियां (याददाश्त कमजोर होना) सूखा रोग और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है. इसके लिए सोयाबीन का आटा लाभकारी है. सोयाबीन के आटे में मौजूद सैपोनिन्स इन सभी बीमारियों को दूर करने में मदद करती है. सोयाबीन शरीर के विकास में मदद करता है. यह त्वचा, मांसपेशियों, नाखून, बाल के विकास में मदद करता है. इसके अतिरिक्त शरीर के आंतरिक भागों की रचना में भी मदद करता है.
सोयाबीन में शरीर के लिए फायदेमंद कई तत्व पाये जाते हैं, जैसे- सेपोनिन्स, सिटोस्टेरॉल और फेनॉलिक एसिड. ये कई प्रकार के कैंसर से बचाते हैं. इससे शारीरिक विकास में मदद मिलती है. पेट के कीड़े और हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में सोया की छाछ फायदेमंद है. सोयाबीन में खून को बनाने और बढ़ानेवाले आयरन की अच्छी मात्रा होती है. इस वजह से शरीर में खून की कमी को पूरा करने में मदद करता है. सोयाबीन का उपयोग कर वजन को भी नियंत्रित किया जा सकता है.
मासिक धर्म की परेशानियों से निजात
महिलाओं को सोया का सेवन जरूर करना चाहिए. इसमें प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट पाये जाते हैं. सोयाबीन में बायो एक्टिव प्रोटीन जैसे- लेक्टिन व लूनासिन पाया जाता है. इसमें एंटी कैंसरस गुण होते हैं. सोयाबीन का सेवन स्तन कैंसर की समस्या को भी कम करता है. महिलाओं के मासिक धर्म बंद होने से शरीर में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है, जिससे महिलाओं की हड्डियों का तेजी से नुकसान होता है. इस वजह से उन्हें ऑस्टियो आर्थराइटिस की बीमारी हो जाती है. घुटनों में दर्द रहता है. इस स्थिति में सोयाबीन फायदेमंद है. सोयाबीन में उपस्थित एस्ट्रोजन शरीर में एस्ट्रोजन की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं. इसके अलावा सोयाबीन महिलाओं को प्रोटीन देने के साथ मासिक धर्म के समय होनेवाले कष्ट जैसे- शरीर में सूजन, भारीपन, थकान, कमर दर्द में राहत दिलाने में भी मदद करता है. सोयाबीन में उपस्थित कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है
रूपाली कुमारी
चीफ डायटीशियन
जगदीश मेमोरियल हॉस्पिटल, पटना

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