लंदन : सीने में जलन, पेट में सूजन और अल्सर जैसी स्थितियों के इलाज में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली एक दवा उस जीवाणु से लड़ सकती है, जिससे क्षयरोग (टीबी) होता है.
एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जो लोग लैंसोप्रोजोल का इस्तेमाल करते हैं उनमें टीबी होने की आशंका एक तिहाई तक कम हो जाती है.
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि वर्ष 2016 में, एक करोड़ चार लाख लोग टीबी के शिकार हुए और यह विश्वभर में होने वाली मौतों के 10 बड़े कारणों में से एक है.
यूसीएल इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के टॉम येट्स ने कहा, माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस से लड़ सकने में कारगर एक नयी दवा का पता लगा लेना एक बड़ी सफलता हो सकती है जिसके दुष्प्रभाव भी कम हों – खासकर लैंसोप्रेजोल जैसी कोई दवा जिसकी कीमत बहुत कम है.