पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भीड़ का गलत फायदा उठाते हैं लोग, हजारों महिलाएं हुईं छेड़छाड़ की शिकार

फ्रांस में हुए एक नये शोध में पता चला है कि पिछले साल कम-से-कम 2,67,000 लोग सार्वजनिक वाहनों में छेड़छाड़ के शिकार हुए हैं. इनमें से अधिकतर महिलाएं हैं. शोध में पता चला कि पिछले कुछ महीनों में छेड़छाड़ की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ी हैं. फ्रांस की आधिकारिक अपराध डाटा एजेंसी ओएनडीआरपी के अध्ययन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2017 11:03 AM

फ्रांस में हुए एक नये शोध में पता चला है कि पिछले साल कम-से-कम 2,67,000 लोग सार्वजनिक वाहनों में छेड़छाड़ के शिकार हुए हैं. इनमें से अधिकतर महिलाएं हैं. शोध में पता चला कि पिछले कुछ महीनों में छेड़छाड़ की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ी हैं. फ्रांस की आधिकारिक अपराध डाटा एजेंसी ओएनडीआरपी के अध्ययन में यह पता चला कि इनमें से 44 प्रतिशत लोगों को जबरन, यौन प्रदर्शन और अंतरंग छूने सहित कई कृत्यों का सामना करना पड़ा. यह आंकड़े हमें याद दिलाते हैं कि विश्व में छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए हमें अभी कितना कुछ करना बाकी हैं.

ओएनडीआरपी के यह आंकड़े साल 2014-15 के हैं. ऑफिस 2008 से ही प्रत्येक वर्ष 11 से 14 हजार लोगों सार्वजनिक वाहनों में हुए घटनाओं के बारे में जानने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही पेरिस पुलिस की आंकड़ों को भी मिलाया गया है. बुधवार को प्रकाशित अध्ययन के अनुसार 160,000 महिलाएं जबरन चुंबन या थपकी की शिकार हुईं. 1,10,000 से अधिक लोगों को अश्लील इशारे किये गये. इसके अलावा 1,60,000 से अधिक लोगों के साथ सार्वजनिक परिवहनों में जबरदस्ती की गयी. अफसोस की बात है कि पीड़ितों में से 85 प्रतिशत महिलाएं थीं और पेरिस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साथ ऐसी घटनाएं ज्यादा घटी.

इस क्षेत्र में रह रहे 18 से 21 वर्ष की आयु में 7.6 प्रतिशत महिलाएं कहती हैं कि उनका सार्वजनिक परिवहन पर यौन शोषण किया गया था. छेड़छाड़ की घटनाओं की शिकार ज्यादातर युवतियां हुईं. 18 से 21 वर्ष की 2.3 प्रतिशत युवतियों को शिकार बनाया गया. वहीं 30 से 45 वर्ष की महिलाओं से छेड़छाड़ का प्रतिशत 0.3 प्रतिशत था.

भीड़ का गलत फायदा उठाते हैं लोग
पेरिस के आसपास 2015 में महिलाओं के एक सर्वेक्षण के निष्कर्षों में पता चला कि जितनी भी महिलाओं से छेड़छाड़ से संबंधित जानकारी ली गयी लगभग ने कहा कि वे यौन उत्पीड़न का शिकार हुईं हैं. महिलाओं से बातचीत में उन्होंने बताया कि मेट्रो में ज्यादा छेड़छाड़ की घटनाएं होतीं हैं. जब ट्रेन एक स्टेशन से खुलती है. तो लोग भीड़ का फायदा उठाकर गलत हरकत करते हैं. भीड़ होने के कारण उनमें से किसी एक की पहचान करना मुश्किल होता है.

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