पाचन शक्ति बढाने का ये है आसान उपाय, आप भी जानें

नीलम कुमारी, टेक्निकल ऑफिसर झाम्कोफेड जामुन का पेड़ बड़ा और सदाबहार होता है़ इसे संस्कृत में जंबू, फलेंद्र, हिंदी में जामुन, राजमन, काला जामुन, अंग्रेजी में ब्लैक बेरी कहा जाता है़ इसका वानस्पतिक नाम सीजीयम क्यूमिनी है. यह मायरटेसी परिवार का वृक्ष है़ इसकी पत्तियां तीन से छह इंच लंबी और दो से तीन इंच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2018 7:30 AM

नीलम कुमारी, टेक्निकल ऑफिसर झाम्कोफेड

जामुन का पेड़ बड़ा और सदाबहार होता है़ इसे संस्कृत में जंबू, फलेंद्र, हिंदी में जामुन, राजमन, काला जामुन, अंग्रेजी में ब्लैक बेरी कहा जाता है़ इसका वानस्पतिक नाम सीजीयम क्यूमिनी है. यह मायरटेसी परिवार का वृक्ष है़ इसकी पत्तियां तीन से छह इंच लंबी और दो से तीन इंच चौड़ी होती है़ फूल सफेद रंग का होता है़ फल एक से डेढ़ इंच लंबा, अंडाकार, कच्चा में हरा फिर लाल और पकने पर बैगनी रंग का हो जाता है़ इसका उपयोगी भाग छाल, पत्ता, फल और गुठली है. जामुन कफपित जनित बीमारियों में उपयोगी है.

प्रचुर मात्रा में खनिज

जामुन में खनिज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. बीज में कार्बोहाइट्रेड, प्रोटीन व कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है़ यह आयरन का स्रोत है़ डायबिटीज में उपयोगी है. इसके फल और गुठली से पाचन क्रिया सुधरती है. यह रक्त शर्करा को कम करता है़ फल खाने से खून साफ होता है. पाचन शक्ति बढ़ती है. ह्रदय रोग, अर्थराइटिस, लीवर से संबंधित बीमारियां दूर होती हैं. अफीम का नशा उतारने के लिए जामुन का पत्ते पीस कर पिलाना चाहिए. कान दर्द या कान बहने पर इसका तेल एक या दो बूंद डालें. यह दस्त, मुंह का छाला, लू लगने पर, आवाज का भारीपन, दांत दर्द, पेट संबंधित बीमारी, एनिमिया, पथरी, गठिया आदि में उपयोगी है.

डायबिटीज में लाभदायक

इसके प्रयोग से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है. गुठली को सूखा कर इसका चूर्ण का प्रयोग प्रतिदिन करना चाहिए. इसकी छाल को छाया में सूखा कर उसका चूर्ण बना लेना चाहिए. उस चूर्ण को सुबह शाम पानी के साथ प्रयोग करना चाहिए.

गला का बैठना और आवाज का भारीपन : इसकी गुठलियों के पाउडर में शहद मिला कर प्रयोग करने से बैठा हुआ गला ठीक होता है़ आवाज का भारीपन दूर होता है.

दस्त और अतिसार : इसकी छाल को छाया में सूखा कर चूर्ण बना लिया जाता है़ इस चूर्ण को छाछ (गाय) या दही के साथ प्रयोग करना चाहिए.

पसीने की दुर्गंध : इसके पत्तों को पानी में उबाल कर उस पानी से स्नान करने से पसीने की दुर्गंध दूर होती है.

दांत दर्द : इसकी छाल के चूर्ण में नमक मिला कर दांत साफ करने से दांत व मसूढ़ों से संबंधित समस्या दूर होती है़ इसकी छाल के चूर्ण में भुनी हुई फिटकरी मिला कर दांत पर मलने से पायरिया की समस्या दूर होती है.

बिच्छू काटने पर : जामुन के पत्तों का रस बिच्छू के काटेवाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है.

एनिमिया : इसके फल में आयरन, कैल्शियम, पोटाशियम और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है़ प्रतिदिन इसे खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है़ खून की कमी दूर होती है.

घाव: घाव में इसकी गुठली के चूर्ण का पेस्ट बना कर लेप करना चाहिए.

नोट: चिकित्सीय परामर्श के बाद ही उपयोग करें

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