नयी दिल्ली: पहले दो साल तक शिशुओं को स्तनपान कराने से प्रत्येक वर्ष पांच साल तक की आयु के 8,20,000 से अधिक बच्चों की जान बच सकती हैं. स्तनपान को बढ़ावा देने के मकसद से डब्ल्यूएचओ – यूनीसेफ के बुधवार को जारी दस सूत्री दिशा निर्देशों में यह जानकारी दी गई है.
यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा एच फोरे ने एक बयान में कहा, ‘ स्तनपान कराने से आईक्यू , स्कूल जाने में तत्परता और उपस्थिति बेहतर होती है और यह वयस्क जीवन (शिशुओं की) में उच्च आय से जुड़ा है। इससे मां को स्तन कैंसर का खतरा भी कम होता है.’
फोरे ने कहा , ‘स्तनपान के लिए सहयोग, बढ़ावे और मार्गदर्शन की जरुरत होती है. इन मौलिक कदमों को उचित तरीके से लागू करने से हम दुनियाभर में स्तनपान की दरों में सुधार कर सकते हैं और बच्चों को जीवन में अच्छी शुरुआत दे सकते हैं.’ बयान में कहा गया है कि नए दिशा निर्देशों का मकसद दुनियाभर के स्वास्थ्य केंद्रों में स्तनपान के लिए सहयोग बढ़ाना , मातृत्व और नवजात सेवाएं मुहैया कराना है.
दिशा निर्देशों में स्तनपान की जगह दूसरे दूध के सीमित इस्तेमाल, जिम्मेदार स्तनपान , बोतल के इस्तेमाल पर अभिभावकों को शिक्षित करने और अस्पताल से मां – बच्चे को छुट्टी मिलने के बाद उन्हें सहयोग देने की सिफारिश भी की गई है.