गर्मियों में कहीं आप न हो जाएं फूड प्वॉयजनिंग का शिकार, ऐसे रखें ख्याल, जानिए कैसे होती है यह बीमारी
लगातार बढ़ते तापमान की वजह से जहां गर्मी बर्दाश्त कर पाना मुश्किल है, वहीं इस मौसम में फूड प्वॉयजनिंग की समस्या भी घेर लेती है. इसका सबसे बड़ा कारण बैक्टीरिया और ठीक तरह से साफ-सफाई न रखना है. चटपटा, स्पाइसी और टेस्टी खाने के चक्कर में अक्सर हम बाहर का खुला या खराब खाना खा […]
लगातार बढ़ते तापमान की वजह से जहां गर्मी बर्दाश्त कर पाना मुश्किल है, वहीं इस मौसम में फूड प्वॉयजनिंग की समस्या भी घेर लेती है. इसका सबसे बड़ा कारण बैक्टीरिया और ठीक तरह से साफ-सफाई न रखना है.
चटपटा, स्पाइसी और टेस्टी खाने के चक्कर में अक्सर हम बाहर का खुला या खराब खाना खा लेते हैं, जो हो सकता है ठीक से पकाया न गया हो या पकाते समय सब्जियों को ठीक से धोया न गया हो. इसकी वजह से पेट में दर्द, मरोड़, एसिडिटी और बुखार जैसी कई परेशानियां शुरू हो जाती हैं. बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया ज्यादातर मीट, सी-फूड और डेयरी प्रोडक्ट्स में पाये जाते हैं, लेकिन इसके अलावा लेट्यूस, फलों और सब्जियों में भी बैक्टीरिया पनप सकते हैं. फूड प्वॉयजनिंग का सबसे पहला लक्षण पेट दर्द होता है.
रीमाज डायट एंड वेलनेस क्लीनिक, नोएडा की न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन रीमा हिंगोरानी मघयान का कहना है कि जब तापमान बढ़ता है, तो हमें हमेशा फूड प्वॉयजनिंग जैसी समस्या से सावधान रहना चाहिए, जो तापमान में वृद्धि होने के कारण हवा में बैक्टीरिया की अधिकता की वजह से होता है.
फूड प्वॉयजनिंग खाने से होनेवाली बीमारी है, जो विषाक्त, खराब या बासी खाना खाने की वजह से होती है. किसी अन्य मौसम की अपेक्षा गर्मियों में खाना के खराब या विषाक्त हो जाने की आशंका सबसे अधिक होती है, क्योंकि गर्मी व नमी के मिश्रण से उगनेवाली वनस्पति में बैक्टीरिया को उगने में मदद मिलती है. आमतौर पर मुर्गी, अंडे, मछली, गंदे पानी पीने से यह समस्या उत्पन्न होती है.
प्रमुख लक्षण
यदि आपको खाने के कुछ घंटों के बाद उलटी, जी मिचलाने या तेज पेट दर्द इत्यादि की शिकायतें होती हैं, तो यह फूड प्वॉयजनिंग के लक्षण हैं. ऐंठन, जी मिचलाना, दस्त, सिरदर्द, भूख न लगना आदि भी इसके लक्षण हैं. इससे ग्रस्त होने पर बहुत ज्यादा थकान व कमजोरी महसूस होती है. यदि समस्या ज्यादा बढ़ जाती है, तो बुखार, बदन दर्द, झिनझिनी, चेहरे में सूजन, सांस लेने और निगलने में परेशानी आदि हो जाती हैं.
कहां से आती है यह बीमारी
फुड प्वॉयजनिंग की समस्या सिर्फ दूषित खाना खाने की वजह से नहीं होती, कई बार यह हमारे गंदे हाथों से खाना खाने से भी हो जाती है. गंदे पानी में बना भाेजन खाने से पेट एकदम खराब हो जाता है.
अगर लंबे समय तक घर में इस्तेमाल होनेवाले पानी के टैंक की सफाई नहीं हुई हो, तो पानी दूषित हो जाता है. जब हम उस पानी को किसी भी रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो इस बीमारी की जकड़ में आ जाते हैं. आज के लाइफस्टाइल में बाहर रेस्तरां में खाना आम चलन है, मगर लोग अनभिज्ञ रहते हैं कि रेस्तरां में कई बार बासी खाना भी परोसा जाता है. यहां तक कि बासी या सड़ी-गली सब्जियों का इस्तेमाल तक किया जाता है.
उनके बरतन गंदे भी होते हैं और पकाते समय साफ-सफाई का ध्यान न रखे जाने से भोजन विषाक्त हो जाता है. स्वाद के चक्कर में जब हम बाहर का ऐसा खाना खाते हैं, तो फूड प्वॉयजनिंग का शिकार हो जाते हैं. स्ट्रीट फूड के प्रति आज के युवाओं में बड़ा क्रेज है और वे रास्ते में लगे खोमचों से फास्ट फूड खाते रहते हैं. अक्सर सड़क पर खड़ी वैनों, ठेलों या स्टॉलों पर खाने की चीजों को ढंक कर नहीं रखा जाता, जिसके कारण एक तो धूल खाने में पहुंचती है और साथ ही मक्खी व कीटाणु भी आसानी से खाने में आ जाते हैं.
फूड प्वॉयजनिंग के उपचार में ज्यादा-से-ज्यादा ध्यान इस बात पर दिया जाना चाहिए कि मरीज के शरीर में पानी की कमी न हो. शराब, कैफीन या फिर चीनी से भरे ड्रिंक का सेवन न करें. इस दौरान इलेक्ट्रॉल, ग्लूकोज या फिर शिकंजी का भरपूर सेवन करें. इस तरह शरीर से जितना पानी निकला होगा, वह इन एनर्जी ड्रिंक से वापस आ जायेगा और आप बेहतर महसूस करने लगेंगे. साथ ही, सूप, पतली खिचड़ी, नारियल पानी, चावल का पानी आदि लेना चाहिए. दही में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुणों की वजह से यह लिवर में मौजूद संक्रमण को नष्ट करता है. गर्मियों में जितना कम खाना खायेंगे, उतना पाचन ठीक रहेगा.
रीमा हिंगोरानी मघयान, न्यूट्रिशनिस्ट, रीमाज डायट क्लीनिक, नोएडा
रखें ख्याल
खाना बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें. सब्जियों को अच्छे से धोएं.
अच्छी तरह से पका खाना खाएं. ताजा कटे फल व सब्जियों का ही सेवन करें.
पके भोजन को एक घंटे से ज्यादा समय के लिए बाहर न रखें.
बरतन साफ करनेवाले कपड़े व स्क्रबर को जल्दी-जल्दी बदलें, क्योंकि ये कीटाणुओं के पोषक होते हैं.
फ्रिज को इतना न भरें कि उसमें हवा का ठीक से प्रवाह न हो सके.
कारगर हैं ये घरेलू उपाय
अगर पेट खराब हो गया हो या डायरिया हो गया हो, तो ब्लैक टी पीएं. इसके अलावा एक चम्मच मेथी के दाने, पानी और मट्ठे को मिला लें. इसे पीने से बहुत फायदा होता है.
फूड प्वॉयजनिंग में जीरे का इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद है. एक चम्मच भूने जीरे को पीस कर दही में खा सकते हैं.
तुलसी के कुछ पत्तों के रस में एक चम्मच शहद मिला कर लें. इसके इस्तेमाल के कुछ घंटों के भीतर ही आराम होने लगेगा.
केला फूड प्वॉयजनिंग के प्रभाव को बहुत जल्दी खत्म कर देता है. केले को दही में मैश करके खा सकते हैं.
चूंकि सेब बैक्टीरिया के विकास को बाधित करनेवाले एंजाइमों के रूप में जाना जाता है, इसलिए यह बहुत ही कारगर घरेलू उपचार है.