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International Yoga Day : जानें सूर्य नमस्कार के कायदे और फायदे

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018 को लेकर देशभर में तैयारियां चल रही हैं. हर साल 21 जून को मनाया जानेवाला योग महोत्सव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योग गुरु रामदेव के अथक परिश्रम का प्रतीक है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हम आपके लिए योग और उससे जुड़ी खबरें और रिपोर्ट्स आपके सामने लायेंगे. आज हम […]

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018 को लेकर देशभर में तैयारियां चल रही हैं. हर साल 21 जून को मनाया जानेवाला योग महोत्सव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योग गुरु रामदेव के अथक परिश्रम का प्रतीक है.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हम आपके लिए योग और उससे जुड़ी खबरें और रिपोर्ट्स आपके सामने लायेंगे. आज हम जानेंगे योग में सूर्य नमस्कार से होनेवाले लाभ के बारे में.

ब्रह्मांड की शक्ति का आधार सूर्य है. प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से हमारे शरीर के विषैले विजातीय तत्वों का नाश हो जाता है और शरीर, मन, प्राण और बुद्धि तेजस्वी, आरोग्यवान व प्रज्ञावान बन जाते हैं.

सूर्य नमस्कार कुछ यौगिक क्रियाओं का संगम है. इसे योगासनों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में सक्षम है. इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है. सूर्य नमस्कार हर उम्र केसाधक के लिए उपयोगी बताया गया है. लेकिन इसका संपूर्ण लाभ हम तभी उठा पायेंगे, जब इसके सही क्रम को जानकर उसका उनुसरण करेंगे.

सूर्य नमस्कार को अच्छी तरह सीखने के लिए इसे विशेषज्ञ या गुरु के मार्गदर्शन में करना चाहिए. इससे शारीरिक स्थितियों का असर शरीर के विभिन्न अंगों पर ठीक से पड़ेगा और आसन का विशेष लाभ प्राप्त होगा.

सूर्य नमस्कार का महत्वपूर्ण पक्ष श्वसन, यानी सांस है. सांस और शारीरिक गति में तालमेल के बिना सूर्य नमस्कार से होने वाले विभिन्न प्रकार के लाभ हमें नहीं मिल पायेंगे. हरएक स्थिति में सांस गहरी, लंबी और सामान्य होनी चाहिए.

सूर्य नमस्कार का एक महत्वपूर्ण पक्ष सजगता भी है. इसकी कमी से हम इससे होनेवाले बहुत सारे लाभों से वंचित रह सकते हैं. सूर्य नमस्कार की प्रत्येक स्थिति को पूरी सजगता पूर्वक चेतन मन से करना चाहिए.

सूर्य नमस्कार करने के बाद शिथिलीकरण का अभ्यास करना चाहिए. इसके लिए शवासन सर्वोत्तम है. इस अभ्यास को करने से हम पूर्णता का अनुभव करते हैं.

सूर्य नमस्कार की 12 स्थितियों को अच्छी तरह से सीख लेना चाहिए. प्रारंभ में केवल शारीरिक स्थितियों के क्रम का ख्याल रखें. जब इन स्थितियों को दक्षता और सजगतापूर्वक कर लें, तो उसके बाद शारीरिक स्थिति के साथ श्वांस-प्रश्वांस को तालमेल बिठायें. इसके बाद मंत्र को एक-एक कर सीख लें. प्रत्येक स्थिति के साथ सांसलेने और छोड़ने में सामंजस्य बिठाना होगा, तभी सूर्य नमस्कार का पूरा लाभ मिलेगा.

सूर्य नमस्कार से होनेवाले लाभ की बात करें, तो…
सूर्य नमस्कार संपूर्ण शरीर के लिए एक संतुलित व्यायाम है, जिसका प्रभाव संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है.
इससे शरीर की एक-एक कोशिका को आॅक्सीजन की आपूर्ति होती है और रक्तसंचार बढ़िया होता है.
शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. सूर्य नमस्कार से हड्डियां मजबूत होती हैं तथा मांसपेशियां लचीली बनती हैं.

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