International Yoga Day: टूटी हड्डियां जोड़ने से लेकर लंबी उम्र पाने का नुस्खा है योग, जानें
इलाहाबाद : ईश्वर ने गर्भ से लेकर मरने तक योग की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन मनुष्य गर्भासन और शवासन को छोड़कर बाकी के आसन भूलता चला गया. ऐसे में विश्व योग दिवस आज के समय में योग के महत्व को पुनः याद दिलाता है. यह कहना है 97 वर्षीय योगाचार्य नर्मदा प्रसाद मिश्र का. […]
इलाहाबाद : ईश्वर ने गर्भ से लेकर मरने तक योग की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन मनुष्य गर्भासन और शवासन को छोड़कर बाकी के आसन भूलता चला गया. ऐसे में विश्व योग दिवस आज के समय में योग के महत्व को पुनः याद दिलाता है. यह कहना है 97 वर्षीय योगाचार्य नर्मदा प्रसाद मिश्र का.
तीन आसनों से वात, पित्त, कफ संतुलन
यमुना पर नैनी स्थित संगम रोड पर नर्मदा योग एवं प्रशिक्षण संस्थान चलाने वाले मिश्र बतातेहैं, हमारे शरीर में वात, पित्त और कफ को मात्र तीन आसनों- सर्वांगासन, भुजंगासन और पश्चिमोत्तासन के जरिये संतुलित रखा जा सकता है. इसे त्रिकुटासन कहते हैं और यदि ये त्रिदोष (वात, पित्त कफ) संतुलित अवस्था में रहें तो हमें कोई बीमारी होगी ही नहीं.
20 दिन में योग से जोड़ा टूटा कूल्हा
योग के बल पर अपने टूटे हुए कूल्हे को ठीक करने का दावा करने वाले योगाचार्य ने बताया, छह वर्ष पूर्व एक दुर्घटना में मेरा कूल्हा टूट गया था. डाॅक्टरों ने कहा कि इसे ठीक होने में महीनों लग जाएंगे. मुझे अपने योग पर पूर्ण विश्वास था और मैं घर लौट आया. योगासन से टूटा कूल्हा 20 दिन में जुड़ गया. स्वतंत्रता सेनानी रहे नर्मदा प्रसाद मिश्र ने करीब 50 वर्ष कोलकाता में बिताये और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का सान्निध्य प्राप्त किया.
योगी और इच्छामृत्यु
मिश्र ने योग विद्या अपने बाबा ब्रह्मचारी जी महाराज से ग्रहण की थी और आज उनकी छठी पीढ़ी योग कर रही है. उन्होंने कहा, सही मायने में एक योगी अपनी इच्छा से मृत्यु को प्राप्त होता है. मेरी इच्छा है कि मैं अपने पोते-पोतियों की शादी कर दूं. इसके बाद ही प्राण त्यागूंगा. नर्मदा प्रसाद मिश्र ने बताया कि योग में ऐसी ऐसी मुद्राएं हैं जिनके बल पर अपनी छठी इंद्रीय को जागृत किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए सतत अभ्यास की जरूरत पड़ती है.
15 मिनट में 8 घंटे की नींद
खेचरी मुद्रा, वज्रोली मुद्रा जैसी मुद्राएं व्यक्ति को अमरत्व के करीब ले जाती हैं. सबसे कठिन आसनों- योग बद्र आसन, विस्तृत शरीर वक्षभू स्पर्श आसन, गर्भ आसन, योग निद्रासन, गरुड़ासन आदि में निपुण योगाचार्य का कहना है कि योग निद्रासन में व्यक्ति 15 मिनट में 8 घंटे की नींद ले सकता है.