मेलबर्न : मलेरिया के इलाज के लिए एक नया टीका विकसित करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए वैज्ञानिक पहली बार यह पता लगाने में सफल हुए हैं कि मलेरिया परजीवी हमारी कोशिकाओं पर किस तरह हमला करते हैं.
नोबल पुरस्कृत तकनीक क्रायो-ईएम (क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी) का इस्तेमाल करते हुए अनुसंधानकर्ताओं ने प्लाजमोडियम विवेक्स मलेरिया परजीवियों और लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) के बीच पहली बार संपर्क होने की प्रक्रिया का खाका खींचा है.
इसी प्रक्रिया के जरिये यह परजीवी पूरे शरीर में फैलना शुरू करता है. तकनीक का इस्तेमाल कर वैज्ञानिक इस संपर्क को सूक्ष्मतम स्तर पर देख पाने में सक्षम हुए जो अभी तक संभव नहीं हो सका था.
इस नये अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया के वाल्टर एंड एलिजा हॉल इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने मलेरिया परजीवी द्वारा लाल रक्त कोशिकाओं को निशाना बनाने के लिए अपनाये जाने वाले बेहद सूक्ष्म तरीके का रहस्य सुलझा लिया है.
मलेरिया के जीवनचक्र का यह बेहद आवश्यक हिस्सा है, जिसके कारण मलेरिया संबंधी विशेष लक्षण – बुखार, ठंड लगना, बेचैनी, दस्त और उल्टी नजर आने शुरू होते हैं. ये बीमारी एक हफ्ते या उससे ज्यादा वक्त तक एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है. यह अध्ययन ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.