Health Research: धूम्रपान नहीं करनेवाले भी फेफड़े के कैंसर से हैं पीड़ित, जानें वजह…
नयी दिल्ली : फेफड़े के कैंसर से धूम्रपान करने वाले ही नहीं बल्कि धूम्रपान नहीं करने वाले युवक-युवतियां भी जूझ रहे हैं और ऐसा शायद बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण हो रहा है. पिछले छह साल में किये गये एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है. सर गंगा राम अस्पताल (एसजीआरएच) में डॉक्टरों […]
नयी दिल्ली : फेफड़े के कैंसर से धूम्रपान करने वाले ही नहीं बल्कि धूम्रपान नहीं करने वाले युवक-युवतियां भी जूझ रहे हैं और ऐसा शायद बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण हो रहा है.
पिछले छह साल में किये गये एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है. सर गंगा राम अस्पताल (एसजीआरएच) में डॉक्टरों ने अध्ययन के नतीजे को चिंताजनक बताया है.
इसके तहत मार्च 2012 से जून 2018 तक 150 से ज्यादा मरीजों का विश्लेषण किया गया. एसजीआरएच में फेफड़ों के सर्जन अरविंद कुमार ने कहा, इन मरीजों में तकरीबन 50 प्रतिशत धूम्रपान नहीं करते थे.
50 वर्ष से कम उम्र समूह में यह आंकड़ा बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया. वह वर्ल्ड लंग कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर अस्पताल परिसर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
इस दौरान कैंसर को परास्त करने से जुड़ा एक अभियान भी शुरू किया गया. कुमार ने कहा, फेफड़े का कैंसर खतरनाक बीमारी है और इसके निदान के बाद पांच साल तक जीवित रहने की उम्मीद होती है.
युवाओं, धूम्रपान नहीं करने वालों और महिलाओं में बढ़ते मामले को देखकर हम हैरान रह गये. उन्होंने कहा, पारंपरिक ज्ञान यह कहता है कि धूम्रपान मुख्य वजह है लेकिन ठोस सबूत हैं कि फेफड़े के कैंसर के बढ़ते मामलों में प्रदूषित हवा की भूमिका बढ़ रही है.