लंदन : नियमित रूप से वायु प्रदूषण के कम स्तर के संपर्क में आना भी दिल के लिए खतरनाक हो सकता है और यह दिल की गति रुकने के शुरुआती चरण के समान हो सकता है.
एक नये अध्ययन में इस बात को लेकर आगाह किया गया है. लंदन स्थित क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन में करीब 4,000 प्रतिभागियों से प्राप्त आंकड़े का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है.
यह ब्यौरा ‘सर्कुलेशन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. आंकड़ा विश्लेषण की अगुवाई करने वाले न्ये आंग ने कहा- वायु प्रदूषण के, अपेक्षाकृत कम स्तर के संपर्क में आने पर भी दिल में अहम बदलाव दिखे.
शोध कार्यकर्ताओं ने प्रतिभागियों की जीवनशैली, स्वास्थ्य रिकॉर्ड और वे कहां रहते हैं इसकी विस्तृत जानकारी समेत उनकी निजी सूचना उपलब्ध करायी.
हार्ट एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) का इस्तेमाल दिल के आकार, वजन और नियमित अंतराल पर प्रतिभागियों के हृदय की गतिविधि को मापने के लिए किया गया.
शोर-शराबा, व्यस्त सड़कों के आस-पास रहने वाले और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (NO2) या पीएम 2.5 (वायु प्रदूषण के छोटे कणों) के संपर्क में आने वाले लोगों के बीच इसका साफ संबंध देखा गया और इनके दायें एवं बायें निलय में बड़ा बदलाव देखा गया.
निलय हृदय में खून का प्रवाह करने वाले अहम पम्पिंग चैम्बर होते हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि लगभग सभी प्रतिभागी स्वस्थ थे और उनमें दिल की बीमारी से संबंधित कोई लक्षण नहीं थे.
उन्होंने कहा कि प्रदूषकों के संपर्क में आना और हृदय के आकार में अहम बदलाव का परस्पर संबंध हैं. वायु प्रदूषण का दिल पर कैसे और क्यों असर पड़ता है, इस बारे में विस्तार से जानने में यह शोध मददगार हो सकता है.