Research: दूसरों के व्यवहार को अपनी उम्मीदों के हिसाब से देखते हैं हम, जानें
लंदन : एक नये अध्ययन में पाया गया है कि मनुष्य दूसरे के कामों को वास्तविक रूप में न देखकर उसे उस तरह से लेता है, जैसा कि वह दूसरों से उम्मीद करता है. नये अध्ययन से यह साफ होता है कि लोग क्यों किसी के प्रयासों को गलत तरीके से लेते हैं जबकि किसी […]
लंदन : एक नये अध्ययन में पाया गया है कि मनुष्य दूसरे के कामों को वास्तविक रूप में न देखकर उसे उस तरह से लेता है, जैसा कि वह दूसरों से उम्मीद करता है.
नये अध्ययन से यह साफ होता है कि लोग क्यों किसी के प्रयासों को गलत तरीके से लेते हैं जबकि किसी के संदिग्ध व्यवहार को सार्थक समझते हैं.
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ के शोधकर्ताओं ने 85 प्रतिभागियों को एक टच स्क्रीन उपकरण पर एक कार्य करने को कहा, जिसमें एक कर्ता को किसी वस्तु तक पहुंचाने के लिए सीधे या घुमावदार रास्ते से जाना था.
शोधकर्ताओं ने पाया कि लोगों की समझ इस बात पर निर्भर थी कि वस्तु तक पहुंचने के लिए हाथों का किस तरह से इस्तेमाल किया गया, न कि इस बात पर कि असल में उन्होंने क्या किया और उन्हें किन-किन रुकावटों से होकर गुजरना पड़ा.
यूनिवर्सिटी के मैथ्यू हड्सन ने कहा कि इससे यह बात जाहिर होती है कि हम दूसरों के कार्यों को देखर उनके बारे में अनुमान लगाते हैं. यह अध्ययन ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसायटी बी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.