Health News: हमारी सोच से कहीं ज्यादा खतरनाक हैं नैनोपार्टिकल्स, जानें कैसे
लंदन : दैनिक उत्पादों में अपनी अनोखी विशेषताओं की वजह से हजारों की संख्या में पाये जाने वाले नैनोकण हमारी कोशिकाओं के लिए नुकसानदेह जहरीला कॉकटेल बना सकते हैं. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. नैनोटोक्सीकोलोजी पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दर्शाया है कि नैनो सिल्वर और कैडमियम आयनों के […]
लंदन : दैनिक उत्पादों में अपनी अनोखी विशेषताओं की वजह से हजारों की संख्या में पाये जाने वाले नैनोकण हमारी कोशिकाओं के लिए नुकसानदेह जहरीला कॉकटेल बना सकते हैं.
एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. नैनोटोक्सीकोलोजी पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दर्शाया है कि नैनो सिल्वर और कैडमियम आयनों के कॉकटेल के संपर्क में आकर 72 फीसदी कोशिकाएं मर गयीं.
नैनोकण हमारे पर्यावरण में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. उदाहरण के लिए, सिल्वर नैनोकणों में बैक्टेरिया रोधी प्रभाव होता है और वे रेफ्रीजेरेटर, खेलकूद के कपड़ों, सौंदर्यप्रसाधनों, टूथ ब्रशों और वाटर फिल्टरों में पाये जाते हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न डेनमार्क (एसडीयू) के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, केवल नैनोसिल्वर के संपर्क में आने पर कोशिकाएं जो प्रतिक्रिया करती हैं, वह नैनोसिल्वर और कैडमियम आयनों के कॉकटेल में आने से उनके अंदर होने वाली प्रतिक्रिया से काफी भिन्न होती है.
नैनो सिल्वर और कैडमियम आयन धरती पर हमारे इर्द-गिर्द मिल जाते हैं. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि इस अध्ययन में जब कोशिकाएं नैनोसिल्वर और कैडमियम आयनों के संपर्क में आयी तब उनमें से 72 फीसद कोशिकाएं मर गयीं.
जब वे केवल नैनोसिल्वर के संपर्क में आयीं तब 25 फीसद और जब वे केवल कैडमियम आयनों के संपर्क में आयी तब 12 फीसद कोशिकाएं मर गयीं. यह अध्ययन मानव यकृत कैंसर कोशिकाओं पर किया गया.
एसडीयू के प्रोफेसर फ्रैंक जेल्डसन ने कहा कि इस अध्ययन से संकेत मिलता है कि जब हम अपने स्वास्थ्य पर उनके असर का अध्ययन करने की कोशिश कर रहे हों, तो हमें उसके कॉकटेल प्रभाव को भी देखने की जरूरत है.