विश्व अल्जाइमर दिवस: दुनियाभर में 4.7 करोड़ लोग हैं प्रभावित, भारत में 16 लाख को है यह बीमारी
नेशनल कंटेंट सेलदुनिया में हर चार सेकंड में किसी न किसी व्यक्ति को अल्जाइमर से पीड़ित होने का पता चलता है. यह डिमेंशिया का सबसे सामान्य कारण है. इस बीमारी से दुनियाभर में 4.7 करोड़ लोग प्रभावित हैं. भारत में लगभग 16 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग […]
नेशनल कंटेंट सेल
दुनिया में हर चार सेकंड में किसी न किसी व्यक्ति को अल्जाइमर से पीड़ित होने का पता चलता है. यह डिमेंशिया का सबसे सामान्य कारण है. इस बीमारी से दुनियाभर में 4.7 करोड़ लोग प्रभावित हैं. भारत में लगभग 16 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसलटेंट डॉ विनीत सूरी ने कहा कि भारत में लगभग 40 लाख लोग डीमेंशिया से पीड़ित हैं और इसमें अल्जाइमर के मामले सबसे ज्यादा हैं.
तकरीबन 16 लाख मरीज अल्जाइमर से पीड़ित हैं. कहा कि अक्सर लोग समझते हैं कि डीमेंशिया और अल्जाइमर एक ही हैं. हालांकि ये दोनों स्थितियां एक नहीं हैं. वास्तव में अल्जाइमर डीमेंशिया का एक प्रकार है. डीमेंशिया में कई बीमारियां शामिल हैं, जैसे अल्जाइमर रोग, फ्रंट टू टेम्पोरल डीमेंशिया, वैस्कुलर डीमेंशिया आदि. डीमेंशिया के मरीजों में शुरुआत में याददाश्त कमजोर होने लगती है और मरीज को रोजमर्रा के काम करने में परेशानी होने लगती है.
इलाज में मददगार है लीवर की दवा
लीवर की बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा अल्जाइमर के कारण क्षतिग्रस्त हुई कोशिकाओं को फिर से ठीक करने में मदद कर सकती हैं. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ शेपील्ड के एक नये शोध में यह दावा किया गया है. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि अर्सोडीऑक्सिकोलिक एसिड (यूडीसीए) माइटोकोंड्रिया की शिथिलता में सुधार लाता है, जिसे अल्जाइमर बीमारी के दोनों प्रकारों का मुख्य कारक माना जाता है.