नयी दिल्ली : केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने रविवार को कहा कि डेंगू के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का ‘क्लिनिकल ट्रायल’ प्रगति पर है और इसे इस्तेमाल के लिए यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जायेगा.
आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने बताया कि यह दवा अगले कुछ वर्षों में बहुस्तरीय परीक्षणों के बाद तैयार होने की उम्मीद है.
नाइक ने यहां ‘आयुर्वेद में उद्यमिता एवं कारोबार विकास’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन से इतर कहा, ‘डेंगू के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा पर परीक्षण चल रहा है. हम इसे यथाशीघ्र लेकर आयेंगे.’
आयुष मंत्रालय ने चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसी प्राचीन पुस्तकों को औषधीय ज्ञान का भंडार बताते हुए उनकी उद्यमी महत्ता पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि यह अलग-अलग बीमारियों के लिए करीब 20 लाख दवाओं का आधार बन सकती हैं.
उन्होंने बताया कि मंत्रालय का उद्देश्य आयुर्वेद का आकार बढ़ाने औरवर्ष 2022 तक इसका कारोबार तीन अरब डॉलर से 10 अरब डॉलर तक पहुंचाने का है.
उन्होंने आयुर्वेद को डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी मोदी सरकार की पहल से जोड़ने पर जोर दिया.
सम्मेलन में मौजूद केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद आयुष्मान भारत योजना को देश के लाखों गांवों तक ले जाने का साधन बन सकती है.
उन्होंने कहा, ‘आयुर्वेद के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना को देश के छह लाख गांवों तक ले जाना संभव है.’