उपवास करने से बढ़ती है स्मरण शक्ति और रोग प्रतिरोधी क्षमता, मगर बरतें ये सावधानियां
हमारे भारतीय धार्मिक एवं अध्यात्मिक परंपरा के तहत साधना के रूप में उपवास हमेशा से एक महत्वपूर्ण क्रिया रहा है़ प्राचीन ऋषि-मुनियों द्वारा एक दिन से लेकर कई महीनों तक उपवास किये जाने का चलन था. कुछ निर्जला उपवास होते हैं. उपवास केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं. मजबूत […]
हमारे भारतीय धार्मिक एवं अध्यात्मिक परंपरा के तहत साधना के रूप में उपवास हमेशा से एक महत्वपूर्ण क्रिया रहा है़ प्राचीन ऋषि-मुनियों द्वारा एक दिन से लेकर कई महीनों तक उपवास किये जाने का चलन था. कुछ निर्जला उपवास होते हैं. उपवास केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं.
मजबूत बनाये पाचन तंत्र
उपवास करने से शरीर में रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है. मांसपेशियों, मस्तिष्क, जननेन्द्रिय आदि को अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त होती है. इससे न्यूरॉलजी, कोलाइटिस, थकान, कब्ज और सिरदर्द का खतरा कम हो जाता है. यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया के विशेषज्ञों की मानें तो कैंसर के मरीजों के लिए व्रत रखना बहुत फायदेमंद होता है. खासतौर पर उन मरीजों के लिए,जो कीमोथेरेपी ले रहे हैं.
पाचन तंत्र के लिए बेहतर
व्रत या उपवास करने से हमारे पाचन तंत्र और लीवर को भी कुछ समय के लिए आराम मिल जाता है. उपवास के दौरान हमारी शारीरिक क्रियाएं शरीर में संचित कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन की मदद से संचालित होती है. इस तरह से ये तत्व पूर्ण रूप से अवशोषित हो जाते हैं और मोटापा, थकान जैसी परेशानी आपसे दूर रहती है.
बढ़ती है स्मरण शक्ति
उपवास करने से हमारे विचारों में भी शुद्धता आती है. मस्तिष्क में ब्रेन डेराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है. यह प्रोटीन हमारे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करता है. इससे ध्यान-क्षमता एवं स्मरण शक्ति की बढ़ती होती है. शरीर में स्फूर्ति आने लगती है. हमारी कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
बरतें ये सावधानियां
ब्लड प्रेशर, ब्लड शूगर जैसी गंभीर बीमारियों के मरीजों को अचानक से खाना-पीना त्याग कर उपवास नहीं करना चाहिए. यह हानिकारक हो सकता है. उपवास से पूर्व धीरे-धीरे अपना खाना कम करें. फिर क्रमिक रूप से पूर्ण उपवास की अवस्था में आएं. उपवास से पहले अपने शरीर की डॉक्टरी जांच करवाएं. यदि उपवास रखने पर शरीर में कमजोरी महसूस हो तो उपवास तोड़ कर संतरे/मौसम्मी का रस लें. गरिष्ठ या तले-भूनें हुए ठोस पदार्थ आदि न खाएं. प्रोटीन युक्त पदार्थों का सेवन से भी परहेज करें.