वॉशिंगटन : वायु प्रदूषण के संपर्क में थोड़ी देर के लिए भी आने से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है. एक नये अध्ययन में यह चिंतित करने वाली बात सामने आयी है.
वायु प्रदूषण को दमा से लेकर समयपूर्व प्रसव तक, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले तमाम बुरे प्रभावों से जोड़ कर देखा जाता है.
अमेरिका के यूटा विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि यूटा राज्य की सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं जब वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद उसके संपर्क में आयीं, तो उनमें गर्भपात होने का खतरा ज्यादा (16 प्रतिशत) बढ़ गया.
2007 से 2015 तक किये गये इस अध्ययन में 1300 महिलाएं शामिल थीं जिन्होंने गर्भपात के बाद (20 हफ्ते की गर्भावस्था तक) चिकित्सीय मदद के लिए आपातकालीन विभाग का रुख किया था.
अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने हवा में तीन साधारण प्रदूषक तत्वों-अतिसूक्ष्म कणों (पीएम 2.5), नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओजोन की मात्रा बढ़ जाने के बाद तीन से सात दिन की अवधि के दौरान गर्भपात के खतरे को जांचा.
इस टीम ने पाया कि नाइट्रोजन ऑक्साइड के बढ़े स्तर के संपर्क में आनेवाली महिलाओं को गर्भपात होने का खतरा 16 प्रतिशत तक बढ़ गया. यह अध्ययन फर्टिलिटी एंड स्टर्लिटी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.