अपनी बगिया की रजनीगंधा से मनाती हूं शादी की सालगिरह
अश्वनी कुमार रायपटना : हमारे थोड़े से प्रयास से पान की बेल, तेजपता, रूद्राक्ष के पौधे और कई फूल हमारे घर की शोभा बढ़ाते हैं. यहां तक की नींबू में लगे फूलों की सुगंध बरबस अपनी ओर ध्यान खींच लेती है. इसी तरह बेला, गुलाब, रजनीगंधा, चमेली गेंदा के फूल मन को खुश और तरो […]
अश्वनी कुमार राय
पटना : हमारे थोड़े से प्रयास से पान की बेल, तेजपता, रूद्राक्ष के पौधे और कई फूल हमारे घर की शोभा बढ़ाते हैं. यहां तक की नींबू में लगे फूलों की सुगंध बरबस अपनी ओर ध्यान खींच लेती है. इसी तरह बेला, गुलाब, रजनीगंधा, चमेली गेंदा के फूल मन को खुश और तरो ताजा कर देते हैं. फूलों और बगिया से संबंधित ऐसी कई बातें आशियाना नगर राम नगरी में रहने वाली पूनम आनंद ने बतायी. इस बार माय गार्डन में उन्होंने अपनी बगिया और पौधों से संबंधित कई तरह की बातों को साझा कीं. उन्होंने बताया कि मेरी शादी की सालगिरह पर हरेक वर्ष कम से कम एक स्टीक रजनीगंधा का तैयार होना. मानो मेरी खुशियों का गवाह होता है. वे कहती हैं कि जिस तरह से मेरे संतान हैं. उसी तरह के मेरे छत पर लगे पौधे हैं. क्योंकि मैं हर एक का ख्याल बराबर रखती हूं.
घर के सभी सदस्य मेरी तरह ही पौधों की करते हैं देखभाल
अपने गार्डन के बारे में पूनम बताती हैं कि मेरे छत पर मेरा छोटा सा बगिया है, जिसकी मैं पिछले दस साल से सेवा कर रही हूं. इस छोटी सी बगिया ने मुझे लिखने के लिये कितने ही विचार दिये. जिसे देखकर मैं कभी पर्यावरण, बिटिया,फुदगुदी,चांद आदि संवेदनशील नाजुक मुद्दो पर लिख लेती हूं. मेरे छत पर 50 से अधिक फूल-पौधे हैं. इसमें तेजपता, रूद्राक्ष, पान, आम, फूल लगे नींबू, रजनी गंधा, बेला, तुलसी केला जैसे कई पौधे हैं. हर दिन करीब एक घंटा का समय देती हूं, ताकि सभी पौधों की देखभाल अच्छी तरह से कर सकूं. कुछ पौधे बड़े ही नाजुक होते हैं. इसलिए सभी पौधों को जरूरत के अनुसार, खाद, पानी और धूप जरूरी है. उन्होंने बताया कि मेरे लिए सभी पौधे बराबर हैं. क्योंकि यह हमारे संतान की तरह हैं. पौधों के प्रति मेरे लगाव को देखते हुए अब घर के अन्य सदस्य भी साथ देते हैं.