वाशिंगटन : वैज्ञानिकों का दावा है कि महिलाओं का मस्तिष्क उनके हमउम्र पुरुषों की तुलना में तीन साल जवां रहता है. इस वजह से महिलाओं का दिमाग लंबे अरसे तक तेज चलता है.
इन वैज्ञानिकों में एक भारतीय मूल का है. अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर मनु गोयल ने कहा कि हमने अभी यह समझना शुरू ही किया है कि कैसे विभिन्न लैंगिक कारक दिमाग के बूढ़े होने की प्रक्रिया पर असर डालते हैं.
उन्होंने कहा कि मस्तिष्क की चयापचय संबंधी क्रियाएं महिलाओं और पुरुषों की उम्र बढ़ने पर उनके मस्तिष्क संबंधी अंतरों को समझने में मदद कर सकती हैं. दिमाग शर्करा से चलता है. लेकिन मस्तिष्क शर्करा का इस्तेमाल किस तरह से करता है, इसमें उम्र बढ़ने के साथ परिवर्तन होता है.
यह अध्ययन ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है. अनुसंधानकर्ताओं ने 205 लोगों पर अध्ययन किया और पता लगाया कि उनका मस्तिष्क शर्करा का किस तरह से इस्तेमाल करता है.
इस अध्ययन में 20 से 84 वर्ष की 121 महिलाओं और 84 पुरुषों ने हिस्सा लिया. उनके मस्तिष्क में ग्लूकोज और ऑक्सीजन के प्रवाह को मापने के लिए उनका पीईटी स्कैन किया गया.
इसके बाद उन्होंने उम्र और मस्तिष्क की क्रियाओं के बीच के संबंधों का पता लगाने के लिए एक मशीन में पुरुषों की उम्र और मस्तिष्क क्रियाओं का डेटा डाला.
अनुसंधानकर्ताओं ने महिलाओं के मस्तिष्क की चयापचय क्रियाओं के डेटा को मशीन में डाला और आंकड़ों से महिलाओं के दिमाग की उम्र की गणना करायी. इसने महिलाओं की वास्तविक उम्र से उनके दिमाग की आयु 3.8 साल जवां बतायी.
इसी तरह से पुरुषों की दिमाग की आयु निकाली गयी. लेकिन यह पुरुषों की वास्तविक उम्र से 2.4 साल ज्यादा थी. गोयल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पुरुषों का दिमाग तेजी से वृद्ध होता है. दरअसल वे दिमागी तौर पर महिलाओं से तीन साल बाद वयस्क होते हैं.