Health Alert : ब्यूटी पार्लर में आने वाली यह गंध आपको बना सकती है कैंसर का मरीज

वाशिंगटन: नाखून पार्लरों में हवा में मौजूद हानिकारक प्रदूषकों का स्तर तेल शोधन संयंत्र या मोटर वाहनों के गैरेज के बराबर होता है, जिससे वहां के कर्मचारियों को कैंसर होने, सांस लेने में परेशानी और त्वचा में जलन का खतरा बढ़ जाता है. एक अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है. शोध में छह नाखून […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2019 10:00 PM

वाशिंगटन: नाखून पार्लरों में हवा में मौजूद हानिकारक प्रदूषकों का स्तर तेल शोधन संयंत्र या मोटर वाहनों के गैरेज के बराबर होता है, जिससे वहां के कर्मचारियों को कैंसर होने, सांस लेने में परेशानी और त्वचा में जलन का खतरा बढ़ जाता है.

एक अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है. शोध में छह नाखून पार्लरों में आसानी से वाष्प या गैस में तब्दील होने वाले कार्बानिक यौगिकों (वीओसी) पर करीबी नजर रखी गई.

इस व्यवसाय में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे बताने वाला पहला शोध है. अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर की एक टीम के अनुसार, नाखून पार्लरों में काम करने वाले कर्मियों के स्वास्थ्य को फर्मैल्डहाइड और बेंजीन जैसी गैसों से उत्पन्न प्रदूषकों के कारण अधिक खतरा होता है.

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) ने पता लगाया है कि कैंसरकारी यौगिक के लंबे वक्त तक संपर्क में रहने से ‘ल्यूकेमिया’ और ‘हॉडगिकिंग्स लिंफोमा’ जैसे कैंसर होने का काफी खतरा बढ़ जाता है.

मुख्य शोधार्थी लुपिता मोन्टोया ने बताया कि यह अध्ययन इस बारे में पहली बार ठोस साक्ष्य देता है कि इस तरह का वातावरण कर्मचारियों के लिए खतरनाक है और उनकी सुरक्षा के लिए बेहतर नीतियां बनाने की जरूरत है.

उन्होंने बताया कि वह कुछ साल पहले एक पार्लर में गई थी, जहां इस्तेमाल किये जाने वाले रसायनों की तीखी गंध से वह परेशान हो गई थी. शोधार्थियों ने कहा कि पार्लर जाने वाले लोगों पर इसका खतरा कम है लेकिन गर्भवती महिलाओं या अस्थमा के रोगियों को इससे खतरा हो सकता है.

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